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Board Exam 2023: जानिए, बच्चों की परीक्षा के दौरान अभिभावकों की क्या भूमिका होनी चाहिए...

रायपुर। ‘परीक्षा’ चाहे जैसी भी हो वह तो बच्चों ही नहीं बड़ों के मन में भी भय पैदा कर देती है। अभी बोर्ड परीक्षाओं का दौर है, ऐसे में बच्चों के मस्तिष्क में पैदा हुए भय की आप कल्पना नहीं सकते। इस अज्ञात भय के कारण बच्चे जब पढ़ने हैं तो तो वह एकाग्र चित्त होकर पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। ऐसे में अभिभावकों की भूमिका अहम हो जाती है।
 
संत ज्ञानेश्वर विद्यालय की शिक्षिका रचना तिवारी कहती हैं कि जब बच्चों में परीक्षा का भय हो तो अभिभावकों का कर्तव्य होता है कि वे अपने बच्चों को भयमुक्त वातावरण प्रदान करें। उन्हें इस बात का अनुभव कराएं की परीक्षा में उन्हीं विषयों से प्रश्न पूछे जाएंगे जिनका उन्होंने वर्ष भर अध्ययन किया है, परीक्षा कोई भय का नाम नहीं है।
 
उन्होंने बताया कि अभिभावक निरंतर परीक्षा अवधि में अपने बच्चों के साथ मानसिक रूप से जुड़े रहे। घर का वातावरण शांतिपूर्ण बनाए रखें, इस दौरान यदि परिवार में कोई अप्रत्याशित घटना होती है, तो प्रयास यही करें कि बच्चों को पता ना चले ताकि उनकी पढ़ाई प्रभावित ना हो। 
 
परीक्षा और उसके परिणाम को लेकर बच्चों पर किसी भी प्रकार का मानसिक दबाव न डालें, यदि बच्चे रात में जागरण कर पढ़ाई करते हैं तो उनके साथ कुछ अवधि तक जागने का प्रयास करें, उन्हें यह समझाएं की परीक्षा खुद को परखने का मौका होता है। उनके खानपान का विशेष ध्यान रखें। साथ ही उन्हें समझाएं कि ईमानदारी और लगन से यदि अध्ययन किया जाए तो सफलता अवश्य कदम चूमेगी।