छत्तीसगढ़

राज्य में किसानों के साथ-साथ राईस मिलर्स हुए खुशहालः मुख्यमंत्री

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकार की बेहतर नीति के फलस्वरूप किसानों के साथ-साथ राईस मिलर्स भी खुशहाल हैं। यही वजह है कि राज्य में हर साल जहां एक ओर कृषि रकबा, उत्पादन सहित कृषकों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है, वहीं दूसरी ओर राईस मिलों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। राज्य में राईस मिलों के संचालन के लिए माहौल उपयुक्त होने के कारण इस साल 249 नई राईस मिले स्थापित हुई हैं। उक्त बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राईस मिलर्स एसोसिएशन के वार्षिक सम्मेलन में कहीं।

एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राज्य में राईस मिलरों के हित में लिए गए निर्णय की वजह से स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में राज्य भर के सभी जिलों से आए राईस मिलर्स संघ के अध्यक्ष सहित पदाधिकारियों को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन सहित छत्तीसगढ़ राईस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश रूंगटा सहित पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में राज्य भर के राईस मिलर्स उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने एसोसिएशन को सम्बोधित करते हुए राज्य में हमारी सरकार न सिर्फ किसानों की उत्पादकता और आय में बढ़ोत्तरी के लिए काम कर रही है, बल्कि कृषि क्षेत्र से जुड़े हर उद्योग और उद्यम के विकास के लिए भी काम कर रही है। छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में कृषि क्षेत्र के चौतरफा विकास के लिए संकल्पित है। हमारी राईस मिलों का सीधा संबंध में हमारे खेतों से है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राईस मिलरों के हित को ध्यान रखते हुए हमने कस्टम मिलिंग की प्रोत्साहन राशि 40 रुपये से बढ़ाकर 120 रुपये कर दी है। शासन के इस फैसले से राज्य के चावल उद्योग और राईस मिलर्स को नई ताकत मिल गई है। इसके फलस्वरूप राईस मिलर्स में उत्साह का माहौल है और उन्हें राईस मिल के संचालन में काफी सहुलियत हो गई है। इस साल राज्य में 249 नई राईस मिले स्थापित हुई हैं, जिसके कारण राज्य में कस्टम मिलिंग करने के लिए पंजीकृत मिलर्स की संख्या 2035 से बढ़कर अब 2284 हो गई है।