छत्तीसगढ़

सीएम बघेल सरहुल परब मनाने पहुंचे जशपुर ... 60 लाख की घोषणा कर... दिया यह बड़ा संदेश

जशपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज जशपुर जिले के राजी पड़हा मुख्यालय दीपू बगीचा में कहा कि प्रकृति एवं धरती को सरंक्षित रखने के लिए हमने जो संकल्प लिया है, उसे पूरा करने हम सतत प्रयत्नशील हैं। उन्होंने समाज के लोगों को अपनी प्रकृति, सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने का आग्रह किया। 

मुख्यमंत्री बघेल ने सरहुल पूजा (खद्दी-परब) कार्यक्रम के दौरान आदिवासी सांस्कृतिक भवन के लिए 50 लाख रूपये, खद्दी-परब चैत पूर्णिमा के लिए 5 लाख रूपये, महामानव कार्तिक उरांव राजी पड़हा विद्यालय टिकैतगंज के लिए राशि 5 लाख रूपये अनुदान देने की घोषणा की। साथ ही राजी पड़हा के जमीन नामकरण के लिए प्रस्ताव देने प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिए। खद्दी-परब धरती पूजा के अवसर पर समाज के प्रमुख पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री बघेल को पारंपरिक गमछा एवं पगड़ी पहनाकर स्वागत और पारंपरिक वाद्य यंत्र मांदर भी भेंट किया। 

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि अनेकता में एकता ही संस्कृति के सबसे बड़ी विशेषता है और इसको हमें आगे बढ़ाना है। छत्तीसगढ़ की परंपरा एवं संस्कृति को बचाने के लिए हमारी सरकार कार्य कर रही है। इसे ध्यान रखते हुए हरेली, तीज, करमा जयंती, विश्व आदिवासी दिवस, छठ पूजा, चेट्रीचंड महोत्सव के लिए शासकीय अवकाश घोषित किया गया है, जिससे सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजा जा सकें। साथ ही कहा कि जशपुर का काजू, चाय और कॉफी देश- दुनिया में पहुंच रहा है। जशपुर जिले की संस्कृति एवं परंपरा की अपनी अलग पहचान है। हमारी सरकार के द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य,सड़क, पेयजल और कृषि आदि के क्षेत्र में बेहतर कार्य किए जा रहे हैं।