1835 से बहादुरी की अद्वितीय विरासत रही असम राइफल्स मना रहा 188वां स्थापना दिवस
2023-03-24 03:12 PM
232
नईदिल्ली। असम राइफल्स अपना 188वां स्थापना दिवस मना रहा है। शिलांग में आयोजित कार्यक्रम में डोनर, संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने कहा कि असम राइफल्स की 1835 से बहादुरी की अद्वितीय विरासत रही है और उसे सबसे अधिक संख्या में वीरता पुरस्कारों से सम्मानित होने का गौरव हासिल है, जो कर्तव्य पालन में बल के बहादुर जवानों के सर्वोच्च बलिदान के माध्यम से संभव होता रहा है
किशन रेड्डी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने लालकिले की प्राचीर से अपने भाषण के दौरान "अमृत काल" के युग का सूत्रपात किया और राष्ट्र की प्रगति की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रधानमंत्री का विजन है कि इस अमृत काल में, पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत के विकास इंजन के रूप में स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि इस विजन के अनुरूप, पूर्वोत्तर क्षेत्र में एक नए युग का सूत्रपात हुआ है और सभी क्षेत्रों, चाहे वह अवसंरचना हो, कनेक्टिविटी हो, शांति और स्थिरता हो, में तेजी से विकास हुआ है।

रेड्डी ने क्षेत्र में सरकार की विभिन्न उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक व्यय किए गए हैं जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्षेत्र में विकास और 17 नए हवाई अड्डे, 1.05 लाख रुपये की चल रही सड़क परियोजनाएं और 77,930 करोड़ रुपये की वर्तमान में चल रही रेल परियोजनाओं जैसी कई मेगा कनेक्टिविटी परियोजनाएं आदि जारी रहें। आज लोगों के लिए विकास के अनगिनत अवसर खोलने के लिए पूर्वोत्तर में हर सेक्टर में तेजी लाई जा रही है।
रेड्डी ने आपदा प्रबंधन कार्यों के दौरान बल के प्रयासों की सराहना की और इस तथ्य की प्रशंसा की कि बल को उनकी शक्ति और टीम वर्क के दुर्लभ प्रदर्शन के कारण ऐसे समय में एनडीआरएफ की एक इकाई के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया है। श्री जी. किशन रेड्डी ने क्षेत्र में नशीले पदार्थों और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी का मुकाबला करने के लिए असम राइफल के प्रयासों की भी सराहना की।