पंडी राम मंडावी को पद्मश्री, बस्तर की कला को मिली वैश्विक पहचान, सीएम साय ने दी बधाई
नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छत्तीसगढ़ के नारायणपुर निवासी पंडी राम मंडावी सहित 71 व्यक्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया। 68 वर्षीय मंडावी को पारंपरिक वाद्ययंत्र निर्माण और लकड़ी शिल्पकला में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार मिला। गोंड मुरिया जनजाति से संबंधित मंडावी ने 12-16 वर्ष की आयु में अपने पूर्वजों से यह कला सीखी। वे बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करते हुए, विशेष रूप से बस्तर बांसुरी ('सुलुर') के निर्माण के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी लकड़ी पर उकेरी गई चित्रकारी, मूर्तियां और शिल्पकृतियां बस्तर की कला को वैश्विक मंच पर ले गई हैं, जिसे देश-विदेश में सराहना मिली है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंडावी को बधाई देते हुए इसे छत्तीसगढ़ के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताया। इस वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 139 हस्तियों को पद्म पुरस्कारों के लिए चुना गया था, जिन्हें दो चरणों में सम्मानित किया जा रहा है। मंगलवार को पहले चरण में 71 लोगों को पुरस्कार दिए गए, शेष 68 को अगले महीने सम्मानित किया जाएगा। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति, गृह मंत्री अमित शाह और कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।