अबूझमाड़ में उम्मीदों का नया सबेरा, किसानों को बिचौलियों से मिली मुक्ति
रायपुर। प्रदेश के अबूझमाड़ में रहने वाले लोग अब राज्य शासन की योजनाओं का लाभ उठाने लगे है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर अबूझमाड़ क्षेत्र में राजस्व सर्वे का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस सर्वे से अबूझमाड़ अंचल के किसानों और ग्रामीणों को नई-नई योजनाओं का लाभ मिलना भी शुरू हो गया है। अबूझमाड़िया किसान न केवल अपना धान समर्थन मूल्य पर बेच रहे हैं। बल्कि उन्हें राशन, बिजली, पेयजल, पेंशन सहित सभी मुलभूत सुविधाएं बेहतर ढंग से मिल रही हैं।
अबुझमाड़िया किसानों ने पहली बार समर्थन मूल्य पर अपना धान बेचा, इससे खेती-किसानी में उनकी रूचि बढ़ी है। इस चालू सीजन में 720 अबुझमाड़िया किसानों को समर्थन मूल्य पर धान बेचने पर उन्हें 4 करोड़ 22 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। मसाहती सर्वे नहीं होने के कारण पहले किसानों को औने-पौने दाम पर धान बिचौलियों के हाथों बेचना पड़ता था। अब उन्हें इस दिक्कत से निजात मिल गई है।
राजस्व विभाग ने नारायणपुर जिले में मसाहती सर्वे के लिए 246 ग्रामों को अधिसूचित किया। इन गांवों में सम्पूर्ण ओरछा विकासखण्ड के 237 ग्राम तथा नारायणपुर विकासखण्ड के 9 ग्राम शामिल थे। अब तक नारायणपुर जिले के 110 ग्रामों का मसाहती सर्वे किया जा चुका है। इसमें नारायणपुर विकासखण्ड के 9 ग्राम और ओरछा विकासखण्ड के 101 ग्राम शामिल है।
अबुझमाड़ अंचल में बहुत से किसान वर्षों से वन क्षेत्रों के भीतर काबिज भूमि पर खेती करते आ रहे थे, लेकिन इस क्षेत्र में भूमि का सर्वें नहीं होने के कारण उनके पास भूमि संबंधी कोई भी दस्तावेज नहीं थे। जिसके कारण वे शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे थे और न ही उन्हें खेती-किसानी के लिए बैंकों से ऋण मिल पाता था।
अबुझमाड़ अंचल में सर्वे के बाद किसानों को पट्टा दिया गया। वर्षों से काबिज भूमि पर खेती-किसानी करने वाले किसानों को उस भूमि का मालिकाना हक मिला। इससे किसानों का जीवन खुशियों से भर गया। वहीं अन्य योजनाओं का लाभ भी मिलना शुरू हो गया है। अबूझमाड़ 35 किसानों को सोलर ड्यूल पंप दिए गए हैं, इससे 87 एकड़ कृषि भूमि में सिंचाई हो रहा है। साथ ही 493 प्रकरणों में केसीसी ऋण के माध्यम से 128 लाख रुपये और 1700 उद्यानिकी टूल कीट, बीज मिनी कीट भी वितरित किए गए हैं।