छत्तीसगढ़

अब इस प्रदेश में हुक्का बार का संचालन अवैध, पढ़िए संशोधित अधिनियम

रायपुर। गुजराज, महाराष्ट्र और पंजाब जैसे प्रदेश के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी हुक्का बार का संचालन अवैध कर दिया गया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने युवाओं में बढ़ते नशे की प्रवृत्ति पर प्रभावी रोक लगाने की दिशा में अभूतपूर्व कदम उठाया। हुक्का बार संचालन करते पाए जाने पर संबंधित के विरूद्ध गैर-जमानतीय अपराध कायम होगा।

प्रदेश के विभिन्न भोजनालय, होटल, रेस्टॉरेन्ट आदि सहित अन्य जगहों पर संचालित हुक्का बारों में फ्लेवरयुक्त सामग्री के अलावा तम्बाकू एवं अन्य मादक द्रव्यों के उपयोग किये जाने से युवा पीढ़ी सहित आमजन आकर्षित होकर अपने स्वास्थ्य का नुकसान करने की जानकारी प्राप्त हो रही थी।

भारत सरकार के सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003’’ में आवश्यक संशोधन का प्रारूप छत्तीसगढ़ शासन द्वारा तैयार किया गया। अधिनियम के संशोधन प्रस्ताव को छत्तीसगढ़ विधानसभा में पारित किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य के विधि और विधायी कार्य विभाग द्वारा 10 फरवरी 2023 को अधिनियम का प्रकाशन छत्तीसगढ़ राजपत्र में किया गया।

संशोधन अधिनियम के तहत राज्य में किसी भी प्रकार के हुक्का बार के संचालन को प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही किसी भी सामुदायिक हुक्का बार में हुक्का या नरगिल के माध्यम से धुम्रपान को भी निषिद्ध किया गया है। हुक्का बार के संचालन पाये जाने पर हुक्का बार के विषय या साधन के रूप में उपयोग की जाने वाली किसी भी सामग्री या वस्तु को जप्त करने का प्रावधान किया गया है।

जो कोई भी व्यक्ति हुक्का बार का संचालन करते पाया जाएगा उसके विरूद्ध गैर-जमानतीय अपराध कायम होगा तथा वह ऐसे कारावास जो कि 03 वर्ष तक का हो सकेगा, किन्तु 01 वर्ष से कम नहीं होगा और जुर्माना, जो कि 50 हजार रुपये तक का हो सकेगा, किन्तु जो 10 हजार रुपये से कम का नहीं होगा, से दण्डनीय होगा। इसी तरह जो कोई व्यक्ति हुक्का बार में हुक्का के माध्यम से धुम्रपान करते हुये पाया जाता है तो वह ऐसे जुर्माना, जो कि 5 हजार रुपये तक हो सकेगा, किन्तु जो एक हजार रुपये से कम नहीं होगा, से दण्डित किया जाएगा।