इस होली छत्तीसगढ़िया हर्बल गुलाल से सुरक्षित होली का संदेश
2023-03-06 11:53 AM
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रायपुर। होली को लेकर रंग, गुलाल और पिचकारियों की दुकान सज गई है। इस बार बाजार में छत्तीसगढ़िया हर्बल गुलाल का काफी मांग है। हर्बल गुलाल शुद्ध प्राकृतिक तत्वों से निर्मित एवं केमिकल रहित होने की वजह से इसकी डिमांड लगातर बढ़ रही हैं। इसे देखते हुए पूरे प्रदेश में महिलाओं द्वारा इसका निर्माण किया जा रहा है।

कोंडागांव जिले के ग्राम आलोर के मां शीतला स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित हर्बल गुलाल की मांग हर साल बढ़ती जा रही है। समूह द्वारा वर्ष 2021 में 3 क्विंटल हर्बल गुलाल का उत्पादन किया गया था, इससे उन्हें 31 हजार रुपये की आमदनी हुई थी। हर्बल गुलाल की डिमांड को देखते हुए वर्ष 2022 में 4 क्विंटल हर्बल गुलाल का उत्पादन किया गया, इससे उन्हें 40 हजार रुपये का लाभ हुआ था। इस साल समूह की महिलाओं के द्वारा पांच क्विंटल हर्बल गुलाल का उत्पादन किया है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि इससे समूह को 50 हजार से ज्यादा की आमदनी होगी।

बतादें कि ग्राम आलोर के मां शीतला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। समूह की महिलाओं द्वारा गुलाल बनाने हेतु वर्ष भर वनों में जाकर प्राकृतिक रंजक जैसे पलास, धवई, सिंदूर, मेहँदी, पत्तियां तथा बाजार से चुकंदर, लाल भाजी, पालक, हल्दी एवं गुलाब जल आदि का संग्रहण कर, होली के एक माह पूर्व से हर्बल गुलाल उत्पादन करना प्रारंभ कर दिया जाता हैं।
समूह के मास्टर ट्रेनर एवं वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र डॉ. हितेश मिश्रा ने ‘‘मेरी होली सुरक्षित होली‘‘ का नारा देते हुए बताया कि समूह की महिलाएं पूर्ण रूप से जैविक तत्वों से बने हर्बल गुलाल का उत्पादन कर रही हैं। जो हमारे शरीर को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाती है। बाजार में खतरनाक रसायनों से बना गुलाल जिससे त्वचा में एलर्जी, आंखों में इंफेक्शन, दमा, अस्थमा, खुजली, सिरदर्द जैसे कई प्रकार की समस्याएं होने की संभावना होती है। जबकि हर्बल गुलाल से त्वचा को शीतलता प्राप्त होती है और इससे किसी प्रकार का साइड इफैक्ट भी नहीं होता है।