ऐतिहासिक शिक्षा पद्धति की ओर बढ़ रहा भारत... नई शिक्षा नीति होगी लागू... वैदिक गणित, गीता श्लोक भी पढ़ाई में शामिल
2023-04-06 01:01 PM
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सालों से भारत में स्कूली बच्चों को जिन किताबों का ज्ञान देकर वह अब केवल इतिहास बनकर रह जाएगा। भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के जरिए बड़े बदलाव की तैयारी कर ली है। एक ऐसी शिक्षा जिसके माध्यम से बच्चों को बोझिल करने के बजाय प्रबुद्ध भारतीय बनाना है। इस नई शिक्षा नीति का लक्ष्य देश के बच्चों को शिक्षित करने के साथ ही सही ज्ञान देना और उन्हें प्रोत्साहित करना है।
NEP में पिछली शिक्षा नीति से संशोधन अनुसंधान, नवाचार और गुणवत्ता लाने की कोशिश की जाएगी। NEP के तहत स्कूली बच्चों की किताबें अगस्त 2023 तक तैयार होने की संभावना है। हाल ही में नेशलन करिकुलम फ्रेमवर्क की संचालन समिति की बैठक में कई जरूरी बदलावों पर चर्चा हुई है, जिसे 2023-24 शिक्षण सत्र में लागू किए जाने की बात कही जा रही है।
New Education Policy 2023 के तहत प्राइमरी और हायर सेकेंडरी क्लासेस के सिलेबस में भी बदलाव किए जा रहे हैं। NEP के तहत छात्रों के लिए नई किताबों में विश्व इतिहास (world history), वैदिक गणित (Vedic maths) और भागवत गीता के श्लोकों जैसे विभिन्न ग्रंथों को जोड़ा जाएगा
हायर सेकेंडरी की नई किताबों में छात्रों को विश्व इतिहास में ग्रीस से लेकर मगध का इतिहास पढ़ाया जाएगा। साथ ही धार्मिक सुधारों की जानकारी दी जाएगी और भारत के प्रमुख दार्शनिक स्कूलों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा स्कूल एजुकेशन 2023 में मध्ययुगीन भारत और विश्व में धार्मिक सुधार आंदोलन, औपनिवेशिक शक्ति का उदय और उनकी नीतियां नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क का हिस्सा होंगी।
NCERT के मुताबिक कक्षा 1 और 2 का सिलेबस लगभग तैयार है और इन दोनों कक्षाओं की पुस्तकों की छपाई के लिए अगस्त 2023 में कमीशन किए जाने की संभावना है। NEP की संचालन समिति 20 दिन पहले शिक्षा नीति के तहत राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा को अंतिम रूप देगी। इस बैठक में सिलेबस के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। ध्यान रहे कि यह नई किताबें बदले हुए सिलेबस के आधार पर पहले छप चुकी किताबों से अलग होंगी, जो अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू तीनों के अलावा कई भाषाओं में प्रकाशित होंगी।
बता दें कि नई एजुकेशन पॉलिसी में सबसे बड़ा बदलाव CBSE 10+2 पैटर्न की जगह 5+3+3+4 का पैटर्न माना जा रहा है। इस नई नीति के तहत 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाएं तो जारी रहेंगी, लेकिन परीक्षा की प्रणाली को इस तरह बदला जाएगा, जिससे कोचिंग कक्षाओं में जाने की जरूरत खत्म की जा सके।