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राज्यपाल बोले- क्षेत्रीय भाषाओं में दूरस्थ शिक्षा में स्मार्ट लर्निंग टूल्स किये जाएं विकसित

भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि दूरस्थ शिक्षा स्वावलंबन का माध्यम बने। व्यावसायिक, रोजगार परक पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों के प्लेसमेंट में भी शिक्षण, प्रशिक्षण संस्थान द्वारा आवश्यक सहयोग किया जाए। इस संबंध में दूरस्थ शिक्षा प्रणाली की संभावनाओं पर सम्मेलन में विचार-विमर्श किया जाना चाहिए।  उन्होंने कहा कि शिक्षण, प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों का आधार रोजगार, व्यवसाय और इन्डस्ट्री की जरूरतों के अनुसार होना चाहिए। ज्ञान विज्ञान, टेक्नोलॉजी,  अकादमिक क्षेत्र में कुशल, दक्ष बनाने और कौशल उन्नयन के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा डिस्टेंस लर्निंग में उपलब्ध होनी चाहिए। 
 
राज्यपाल पटेल मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय भोपाल के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के शुभारंभ कार्यक्रम को आज आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन "राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 कार्यान्वयनः मुक्त और दूरस्थ शिक्षा, शिक्षण संस्थानों के लिए दृष्टिकोण, अवसर और चुनौतियाँ" विषय पर चर्चा के लिए किया गया। राज्यपाल को कार्यक्रम में सम्मेलन की स्मारिका, पुस्तक एडाप्टिंग "आईसीटीटूदिएनईपी-2020 इन हायर एजूकेशन" और "लाइब्रेरी एंड इंफार्मेशन सर्विस इन न्यू नार्मल" पुस्तकें और तुलसी का पौधा, शॉल, श्रीफल, स्मृति-चिन्ह भेंट किए गए।
 
राज्यपाल पटेल ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के विस्तार के लिए जरूरी है कि ज्ञान और कौशल के विकास में भाषा बाधा नहीं बनने पाए, इसके लिए क्षेत्रीय भाषाओं में दूरस्थ शिक्षा में स्मार्ट लर्निंग टूल्स विकसित करने होंगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश जैसे विशाल भू-भाग वाले राज्य में शिक्षा की पहुँच बढ़ाने और उसे विद्यार्थी परक बनाने के प्रयासों में दूरवर्ती शिक्षा प्रभावी साधन बन सकती है। 
 
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भोज मुक्त विश्वविद्यालय भी राष्ट्रीय इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी के समान चेनल प्रारंभ करे। उन्होंने कहा कि ज्ञान की गंगा के प्रवाह को बढ़ाने और विस्तारित करने के लिए दूरस्थ शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की व्यवस्था की जाना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाये कि पारंपरिक शिक्षा और दूरस्थ शिक्षा की गुणवत्ता का स्तर समान हो। 
 
इंदिरा गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव ने सारस्वत उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए डिस्टेंस लर्निंग एजूकेशन में अपार अवसर उपलब्ध हुए हैं। नैक द्वारा मुक्त विश्वविद्यालयों का भी ग्रेडेशन किया जाने लगा है। इग्नू और बाबा साहब मुक्त विश्वविद्यालय अहमदाबाद को नैक द्वारा "ए++" की ग्रेडिंग दी गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पारंपरिक, दूरस्थ शिक्षा और छात्र केन्द्रित व्यवस्थाएँ की गई हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने वर्ष 2020 के नियमन के द्वारा पारंपरिक शिक्षा और दूरस्थ शिक्षा की उपाधियों को समतुल्य माने जाने की व्यवस्था भी कर दी है।
 
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