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बच्चों को स्वयं की बचत से समाज सेवा करने के लिए राज्यपाल ने किया प्रेरित

भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि पीड़ित मानवता की सेवा ही मानव का सबसे बड़ा धर्म है। राज्यपाल 8 मई विश्व रेडक्रॉस दिवस पर समन्वय भवन में एक दिवसीय जूनियर रेडक्रॉस क्षेत्रीय सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज विश्व रेडक्रॉस दिवस के साथ ही विश्व थैलेसीमिया दिवस भी है। रेडक्रॉस की स्थापना युद्ध के दौरान घायल सैनिकों को त्वरित सेवा एवं सहायता पहुँचाने के उद्देश्य से हेनरी ड्यूना ने की थी। रेडक्रॉस मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, एकता और सार्वभौमिकता के सिद्धांतों पर आधारित स्व-प्रेरित सेवा है। रेडक्रॉस अभियान के मूल में भारतीय संस्कारों और संस्कृति के सिद्धांत निहित हैं।प्रत्येक नागरिक का दायित्व नियमित रूप से रक्त-दान कर थैलेसीमिया एवं सिकल सेल एनीमिया के मरीजों की सहायता करना है।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि वर्तमान में रेडक्रॉस विश्व के कई देशों में सोसायटी एवं अस्पताल के माध्यम से समाज-सेवा का कार्य कर रहा है। बच्चों को शिक्षा एवं खेल की सुविधा देने के साथ ही उनमे समाज-सेवा की भावना विकसित करना भी जरूरी है। इसी उद्देश्य से जूनियर रेडक्रॉस सोसायटी की स्थापना की गई है, जिसमें स्कूल के बच्चे रेडक्रॉस से जुड़ सकते हैं। एक दिवसीय जूनियर रेडक्रॉस सोसायटी के क्षेत्रीय सम्मेलन में बच्चों को समाज सेवा के नवाचारों से जोड़ा जायेगा।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि जूनियर रेडक्रॉस शाखा में 18 हजार से अधिक स्कूल के 12 से 18 वर्ष आयु वर्ग के छात्र-छात्राएँ शामिल हैं। आज विश्व की सबसे बड़ी चुनौती गरीबी और निरक्षरता है। स्कूल का प्रत्येक बच्चा जागरूक होकर बड़ा परिवर्तन ला सकता है।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि पूरा विश्व एक परिवार है। भारतीय दर्शन में वसुधैव कुटुम्बकम के सूत्र को आधार मानते हुए पीड़ित मानवता की सेवा परम कर्त्तव्य है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के कथन को याद दिलाते हुए कहा कि सेवा करने का मौका भी सौभाग्य से मिलता है। सेवा कभी खाली नहीं जाती। मानवता की सेवा और कल्याण के कार्यों को दिनचर्या में शामिल करें।
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