कार्यशाला में बोले राज्यपाल.... ग्रंथालय, ज्ञान के देवता को हर व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास
भोपाल। ज्ञान वह खजाना है, जिसे कोई छीन नहीं सकता, नष्ट नहीं कर सकता है। हाथ में जो होता है, उसे दूसरा छिन एवं नष्ट कर सकता है, पर जो दिमाग में है, वह सदैव साथ रहता है। पुस्तकालय वह मंदिर है, जहाँ ज्ञान के देवता निवास करते हैं। ई-ग्रंथालय, ज्ञान के देवता को हर व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास है। उक्त बातें मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के सभागार में ई-ग्रंथालय कार्यशाला में कहीं। इस अवसर पर उन्होंने कृत्रिम मेधा पर पुस्तक अधिग्रहण पंजी पर डिजिटली प्रविष्टि करके प्राप्त कर ग्रंथालय का शुभारम्भ किया।
राज्यपाल ने कहा कि पुस्तकालय अध्यक्ष का कार्य मात्र व्यवसाय नही है, यह राष्ट्र निर्माण के मिशन में अत्यंत महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी है। सामान्यतः किसी भी व्यवसाय के कार्य निपुणता की समीक्षा उसी व्यवसाय से सम्बंधित लोग करते हैं, किन्तु पुस्तकालय अध्यक्ष के कौशल और कार्य क्षमता की समीक्षा प्रत्येक विषय से सम्बंधित पाठक करता है। पुस्तकालय अध्यक्ष का कार्य जटिल है, जो पाठकों के लिए ज्ञान प्राप्ति के पथ का प्रदर्शक और मार्गदर्शक होता है। आवश्यकता है कि ग्रंथालय का प्रबंधन और संचालन कार्य संगठनात्मक उत्कृष्टता और तकनीकी गुणवत्ता के साथ किया जाये; क्योंकि पुस्तकालय दुनिया को जानने के दरवाजे की चाबी होते हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश में हो रहे कार्यों की देश दुनिया में चर्चा हो रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने ज्ञानार्जन के अपार अवसर उपलब्ध कराए हैं। देश में स्वाध्याय की असीम सम्भावनाएं बनी हैं। अब ज्ञान के लिए परेशान होने की जरूरत नही है। बिना लाइब्रेरी के पुस्तकों की उपलब्धता के प्रयास किये जा रहे है। प्रदेश के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में उपलब्ध पुस्तकें प्रदेश के उच्च शिक्षा के सभी छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराने की परियोजना, ई-ग्रंथालय है।
अतिरिक्त राष्ट्रीय सूचना विज्ञान अधिकारी कमलेश जोशी ने बताया कि ई-ग्रंथालय के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली द्वारा क्लाउड आधारित सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराया गया है। यह 5 वर्षों के लिए संधारण मुक्त है। उन्होंने ई-ग्रंथालय के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि तकनीकी मार्गदर्शन के लिए दिल्ली केंद्र के द्वारा हेल्प डेस्क का भी गठन किया गया है। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के पुस्तकालय प्रभारी डॉ. किशोर शिंडे ने पुस्तकालय डिजिटलाइजेशन के संबंध में जानकारी दी।