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टेक्नोलॉजी इनोवेशन इन साइबर-फिजिकल सिस्टम्स की कार्यशाला.. वक्ता बोले-भारत में अपनी तरह का पहला साइबर सुरक्षा केंद्र

नईदिल्ली। टेक्नोलॉजी इनोवेशन इन साइबर-फिजिकल सिस्टम्स की तीसरी राष्ट्रीय कार्यशाला में तकनीकी क्षेत्र में प्रौद्योगिकी रूपान्तरण के लिए अंतर-विषयी साइबर-भौतिक प्रणालियों  पर राष्ट्रीय मिशन के तहत स्थापित प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्रों के महत्व पर प्रकाश डाला गया।

इस कार्यशाला के समापन सत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर अभय करंदिकर ने कहा कि देश के सर्वश्रेष्ठ तकनीकी संस्थानों में 25 स्थानों पर मिशन हब स्थापित किए गए हैं, जो कृषिऊर्जाजलपरिवहन जैसी साइबर-भौतिक प्रणालियों के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर काम कर रहे हैं। 4 वर्ष की अवधि के बाद यह देखा जा सकता है कि मिशन ने न केवल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिणाम दिए हैं और उत्पाद विकसित किए हैं, बल्कि उच्च महत्व की पत्रिकाओं के वैज्ञानिक प्रकाशन में भी योगदान दिया है।

उन्होंने इन हबों से जुड़े प्रौद्योगिकीविदों से यह आग्रह किया कि वे देश को महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी रुपांतरण को प्रचलन में लाने के लिए मिलकर काम करें।

डीएसटी के वरिष्ठ सलाहकार और विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबीके सचिव डॉअखिलेश गुप्ता ने इन हबों के बीच अधिक-से-अधिक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने एवं स्थापित करने पर अधिक-से-अधिक ध्यान देने के लिए अन्य मंत्रालयों और विभागों के साथ गठबंधन किए जाने की जरूरत पर जोर दिया।

आईआईटी कानपुर के कार्यवाहक निदेशक एसगणेश ने कहा कि आईआईटी कानपुर में सीआईआई हब छात्रों को प्रशिक्षित करने के माध्यम से दो-आयामी दृष्टिकोण उपलब्ध करा रहा है ताकि साइबर सुरक्षा पेशेवरों का एक समर्पित कैडर तैयार किया जा सकेजो संस्थाओं के अधिकारियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान कर सके ताकि वे साइबर सुरक्षा की खतरों से भलीभांति अवगत हो सकेंऔर  साइबर हमलों से बचाव कर सकें।

आईआईटी कानपुर के सी3आई हब के परियोजना निदेशक प्रोफेसर मनींद्र अग्रवाल ने कहा कि सी3आई हब जो 25 टीआईएच में से एक हैभारत में अपनी तरह का पहला साइबर सुरक्षा केंद्र है। यह जल और सीवेज सिस्टमपावर ग्रिडपरमाणु संयंत्रों और रॉकेट एवं मिसाइल नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के समाधान ढूंढने की प्रक्रिया में लगा है।

मिशन निदेशकएनएम-आईसीपीएस और प्रमुखएफएफटी डिवीजनडीएसटी डॉएकता कपूर ने कहा कि यह मिशन भारत को सीपीएस प्रौद्योगिकियों में एक अग्रणी हस्ती बनानेसामाजिक और वाणिज्यिक उपयोग के लिए सीपीएस प्रौद्योगिकियों का रुपांतरण करने, स्टार्टअप को पोषित करनेरोजगार बाजार में अवसरों को बढ़ाने और सीपीएस प्रौद्योगिकियों में अगली पीढ़ी के टेक्नोक्रेट्स तैयार करने जैसे अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में काफी सफल रहा है।

दिसंबर 2018 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटीद्वारा कार्यान्वित करने के लिए अंतर-विषयी साइबर-भौतिक प्रणालियों (एनएम-आईसीपीएसपर राष्ट्रीय मिशन शुरू किया गया था। यह मिशन समाज की बढ़ती हुई प्रौद्योगिकी जरुरतों को पूरा करने और अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों के लिए अग्रणी देशों के अंतर्राष्ट्रीय रुझानों को ध्यान में रखते हुए योजना तैयार करता है।

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