कवि हरीश कोटक की पहली कृति विरासत-काव्य कलश के विमोचन पर महाराष्ट्र मंडल ने किया सम्मान
रायपुर। महाराष्ट्र मंडल के आजीवन सभासद और ख्यातनाम कवि हरीश कोटक को उनकी प्रथम कृति विरासत-काव्य कलश के विमोचन के अवसर पर सम्मानित किया गया। मंडल के मुख्य समन्वयक श्याम सुंदर खंगन, संत ज्ञानेश्वर स्कूल के प्रभारी परितोष डोनगांवकर, नाट्य मंडल के निर्देशक अनिल श्रीराम काळेले, सचिव प्रसन्न निमोणकर, प्रशांत देशपांडे ने वृंदावन हाल के मंच पर कोटक का सूतमाला, शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर कोटक का अभिनंदन किया।
महाराष्ट्र मंडल के वरिष्ठ सभासद व रोटरी क्लब के पूर्व गवर्नर शशि वरवंडकर ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए हरीश कोटक का मंडल में योगदान एवं सक्रिय सहभागिता की चर्चा की। मंडल के प्रतिनिधियों ने भी हरीश कोटक को नये काव्य संग्रह की बधाई दी। विमोचन व काव्य गोष्ठी समारोह में हरीश कोटक ने अपनी चुनिंदा कविताओं का पाठ करते हुए महाराष्ट्र मंडल के संदर्भ में चर्चा की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. चितरंजन कर, मुख्य वक्ता डा. माणिक विश्वकर्मा नौरंग व कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार गिरीश पंकज ने कोटक की कविताओं का उद्हरण करते हुए उनकी कृतियों पर चर्चा की। विशेष अतिथि राजनांदगांव से पधारे शायर अब्दुस्सलाम ‘कोसर’ शायर सुखनवर हुसैन, किशन भाई मिराणी और प्रकाश दावड़ा ने भी अपने संक्षिप्त संबोधन में हरीश कोटक की कविताओं में जीवन तलाशने की उनकी कोशिश की प्रशंसा की। इस मौके पर बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।