छत्तीसगढ़

दुष्कर्म पीड़िता की मां के खिलाफ दर्ज कराई गई झूठी रिपोर्ट... ASP की जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा... SDOP और TI पर गिरी गाज

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के रतनपुर में रेप पीड़िता की मां को यौन शोषण के केस में फंसाने के लिए झूठी FIR दर्ज कराई गई थी। ASP की जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा होने के बाद SP संतोष कुमार सिंह ने केस खारिज करने के लिए कोर्ट में जांच रिपोर्ट पेश किया है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि दस साल के बच्चे की मां ने अपने बेटे के यौन शोषण की झूठी कहानी बनाई थी। उसने पहले रायपुर में केस दर्ज कराने की कोशिश की, जिसमें असफल होने के बाद वह रतनपुर थाने में पुलिस को गुमराह करते हुए फर्जी FIR करा दी। इस केस में रेप पीड़िता की मां को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

बीते माह रेप पीड़िता की मां को जेल भेजने के बाद जमकर बवाल शुरू हो गया था। विश्व हिंदू परिषद के साथ ही सामाजिक संगठनों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आंदोलन छेड़ दिया था। उनका आरोप था कि पुलिस ने गलत तरीके से रेप पीड़िता की मां को गिरफ्तार कर जेल भेजा।

इस आंदोलन के बाद SP संतोष सिंह ने इस केस की जांच के लिए एडिशनल SP ग्रामीण के नेतृत्व में जांच टीम गठित की थी और सात दिन के भीतर रिपोर्ट मांगा था। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने महिला का जमानत कराया। साथ ही SP संतोष सिंह ने फर्जी केस दर्ज करने व पुलिस अफसरों को गलत जानकारी देने के आरोप में तत्कालीन टीआई कृष्णकांत सिंह को सस्पेंड कर दिया। वहीं, कोटा SDOP सिद्धार्थ बघेल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

रेप केस में फंसे भतीजे को बचाने फर्जी FIR
इधर, ASP राहुल देव शर्मा की टीम ने केस की जांच पूरी कर ली है, जिसमें चौंकाने वाला खुलासा किया गया है। जांच में बताया गया है कि महिला ने अपने बच्चे के यौन शोषण होने की झूठी कहानी बनाई थी। ताकि, रेप केस में फंसे अपने भतीजे को समझौता के बाद जेल से बाहर लाया जा सके। महिला ने केस दर्ज कराने के लिए रतनपुर पुलिस को गुमराह भी किया है। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर SP संतोष सिंह ने रेप पीड़िता की मां को दोष मुक्त कराने के लिए प्रकरण खारिज करने के लिए कोर्ट में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है, जिसकी स्वीकृति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 

केस वापस लेने दिया गया था लालच
एएसपी राहुल देव शर्मा ने बताया कि पूरी जांच में पता चला कि दुष्कर्म पीड़िता युवती और उसकी मां को केस वापस लेने के लिए पहले आर्थिक प्रलोभन दिया गया। इसमें सफल नहीं हुए तो मानसिक दबाव बनाया जा रहा था और धमकी भी दी जा रही थी। आरोपी परिवार सभी तरह से असफल हो गए, तब उन्होंने दस साल के बच्चे के यौन शोषण होने की झूठी कहानी बनाई और दुष्कर्म पीड़िता की मां पर ही झूठा केस दर्ज करा दिया।