छत्तीसगढ़

प्री—मानसून ने व्यवस्थाओं के दावे पर... किया करारा प्रहार... भर गई निचली बस्तियां, तो नाली की गंदगी से पट गईं सड़कें

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ में बुधवार दोपहर बाद से बदले मिजाज के बाद कई जिलों में बारिश की पहली फुहार ने लोगों को भीषण गर्मी से राहत देने का काम किया है। इसके साथ ही सरकारी व्यवस्थाओं के दावे पर करारा प्रहार भी किया है। बुधवार को जिले में एक घंटे तक लगातार तेज बारिश हुई। झमाझम बारिश के बाद भारी उमस से हाल-बेहाल रहा, तो वहीं शहर के निचली बस्तियों के लिए मुसीबत भी साबित हुई।

बता दें कि आषाढ़ के महीने में भी अभी तक एक भी बार बारिश नहीं हुई थी। इससे इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही थी। बुधवार को भी सुबह से तेज धूप के कारण भारी गर्मी और उमस रही, लेकिन दोपहर बाद मौसम ने करवट ली। आसमान में बदली छाई और अपराह्न 3.45 से 4.45 बजे तक झमाझम बारिश हुई। आषाढ़ के सत्रहवें दिन प्री-मानसून के असर से शहर सहित अंचल में अच्छी बारिश हुई। हालांकि यह बारिश खंडवर्षा के रूप में हुई। बारिश के बाद उमस ने लोगों की परेशानी बढ़ाई।

किसानों में जागी आस
बुधवार को जिले का अधिकतम तापमान 42.6 डिग्री रहा, लेकिन अपराह्न बाद हुई बारिश के बाद गर्मी से राहत मिली, हालांकि इनडोर में उमस की स्थिति भी बनी रही। इस बारिश से किसानों के चेहरे भी खिल गए हैं। खरीफ सीजन के लिए तैयारी कर रहे किसानों का कहना है कि खेती-किसानी के कार्य में तेजी आएगी।

व्यवस्थाओं की खुली पोल
प्री-मानसून ने ही शहर की सफाई व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। बरसाती पानी के लिए पर्याप्त निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण निचली बस्तियों में पानी भर गया। पानी निकासी के लिए लोग मशक्कत करते नजर आए। वहीं बड़ी नालियां जाम होने के कारण कचरे और गंदगी सड़क पर बहते नजर आए।

मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि यह बारिश प्री मानसून का असर है। मानसून 25 जून से छत्तीसगढ़ के ज्यादातर हिस्सा में पूरी तरह सक्रिय हो जाएगा। इसके बाद लगातार बारिश होने की संभावना है। फिलहाल तीन-चार दिनों तक मौसम में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। इस दौरान गरज-चमक और आंधी-तूफान भी चलने की संभावना है।