वैकल्पिक ऊर्जा के उपयोग की पहल कर भोपाल ने दिया है देश को संदेश
2023-05-09 11:30 AM
812
भोपाल। पर्यावरण और वैकल्पिक ऊर्जा के उपयोग के क्षेत्र में नगर निगम भोपाल ने देश को संदेश दिया है। मध्यप्रदेश न बीमारू रहेगा और न गरीब रहेगा। अब भोपालवासी स्वच्छता में नंबर 1 आने का संकल्प लें। मध्यप्रदेश प्रत्येक क्षेत्र में तेजी से बढ़ेगा। साँची में सोलर सिटी बन रही है। प्रत्येक घर में सोलर एनर्जी से बिजली देने की तैयारी हो गई है। यह आवश्यक है कि भोपाल में भी इस दिशा में पहल की जाए। हम सभी मिल कर राजधानी भोपाल को सौर ऊर्जा नगरी बनाएं। उक्त बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में 21 मेगावाट सौर ऊर्जा और 15 मेगावाट पवन ऊर्जा परियोजनाओं के वर्चुअल शुभारंभ और नगर निगम भोपाल और सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा कंपनियों के मध्य अनुबंध निष्पादन कार्यक्रम में कहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के उपयोग का संकल्प लिया है। मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार किया जा रहा है। आज भोपाल नगर के हित में हुआ यह अनुबंध एक अद्भुत पहल है। इसके लिए नगर निगम भोपाल और नगरीय विकास एवं आवास विभाग बधाई के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में रीवा में सौर ऊर्जा आधारित परियोजना प्रारंभ की गई। आज जीवाष्म ईधन के उपयोग को कम करने की आवश्यकता है। मध्यप्रदेश ने इस दिशा में काफी पहल की है। रीवा की सौर ऊर्जा की परियोजना के बाद नीमच,शाजापुर और अन्य स्थानों पर भी परियोजनाएँ प्रारंभ की गई। अब ओंकारेश्वर में बांध की सतह पर सोलर में पैनल बिछाने की तैयारी है।
ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज के खतरों को पहचानते हुए धरती को रहने योग्य बनाना है। हमें प्रकृति का दोहन करना है शोषण नहीं करना है। गत एक माह से वर्षा, ओला वृष्टि की स्थिति बनी हुई है। अनेक स्थानों पर बाढ़ और सूखे की स्थिति देखने को मिलती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भोपाल स्वच्छतम राजधानी है। यह देश के स्वच्छतम नगर के रूप में भी पहचान बना सकता है। इसके लिए भी संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने विकास दर, प्रति व्यक्ति आय, कृषि क्षेत्र और देश की अर्थ-व्यवस्था में मध्यप्रदेश के योगदान संबंधी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में नर्मदा, विन्ध्य, बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे के साथ ही अटल एक्सप्रेस-वे के कार्य हो रहे हैं। चंबल क्षेत्र जो दस्यु समस्या के लिए कुख्यात था अब चंबल सफारी के नाम से जाना जाएगा। पर्यटन का विकास हो रहा है। करीब 20 वर्ष पूर्व तत्कालीन सरकार द्वारा भोपाल में नर्मदा जल लाने को असंभव माना था। आज भोपाल ही नहीं मालवा अंचल के अनेक नगर नर्मदा जल से लाभान्वित हो रहे हैं।