नई दिल्ली। WFI के निर्वतमान अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ आरोप लगाने वाली पहलवान साक्षी मलिक रेलवे की ड्यूटी पर लौट आईं हैं, तो साक्षी के आंदोलन में शामिल दूसरे पहलवानों ने भी अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर ली है। इस बीच चर्चा गर्म थी कि सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए आरोप वापस ले लिए हैं।
इस पर साक्षी मलिक ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्होंने रेलवे के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को प्राथमिकता से निभाने का फैसला लिया है, लेकिन इसका तात्पर्य कतई भी यह नहीं है कि उन्होंने अपना आंदोलन वापस ले लिया है या फिर सांसद बृजभूषण के खिलाफ लगाए आरोपों को वापस ले लिया है। साक्षी मलिक ने अपने ट्विटर पर इस बात का जिक्र किया है कि आरोप वापस लेने की खबर कोरी अपवाह है। साक्षी ने ऐसी खबरें ना चलाए जाने की भी अपील की है।
बृजभूषण के खिलाफ FIR में क्या है आरोप
पहलवानों के आरोपों के बाद बृजभूषण सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज हुई हैं। एफआईआर में एक नाबालिग पहलवान ने बृजभूषण पर कई बार यौन अत्याचार का आरोप लगाया है। एफआईआर में प्रताड़ना के आरोपों के बारे में विस्तार से बताया गया है। FIR के अनुसार, लड़की ने कहा कि उसने उसे अपनी ओर खींचा और उसके कंधे पर बहुत जोर से दबाया और फिर जानबूझकर अपना हाथ उसके कंधे के नीचे खिसका दिया। उसके शरीर पर हाथ फेरते हुए कहा, तू मेरे को सपोर्ट कर, मैं तेरे को सपोर्ट करूंगा। मेरे साथ टच में रहना।
नाबालिग के पिता की ओर दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार, घटना 2022 की है, जब वह 16 साल की थी। उसने राष्ट्रीय खेलों में सब जूनियर कुश्ती चैंपियनशिप में भाग लिया था। एफआईआर में आगे कहा गया है कि जब नाबालिग ने बृजभूषण का कड़ा विरोध किया, तो उसने उससे कहा कि एशियाई चैम्पियनशिप के लिए जल्द ही ट्रायल होने वाले हैं और चूंकि वह उसके साथ सहयोग नहीं कर रही है, इसलिए उसे आगामी ट्रायल में नतीजे भुगतने होंगे।
बृजभूषण सिंह के खिलाफ कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 34 (सामान्य मंशा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। उनके खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।