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सफलता के लिए दीक्षांत शपथ का आचरण में 365 दिन पालन जरूरी

 भोपाल। भावी जीवन में निरंतर ज्ञान के लिए प्रयास करते रहें। भावी जीवन की सफलता में अपने पालकों और शिक्षकों के त्याग और बलिदान को नहीं भूलें। कार्य-क्षेत्र में अपने ज्ञान और मेधा का सर्वश्रेष्ठ उपयोग, समाज के वंचित वर्गों को मुख्य-धारा में साथ लेकर चलने और देश और समाज की सेवा में करना चाहिए। सदैव याद रखें कि आपकी वर्तमान सफलता आपके माता-पिता और गुरुजन के अतीत के त्याग और समर्पण का ही परिणाम है। उक्त बातें मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत और स्नातक दिवस समारोह को कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में संबोधित करते हुए कहीं।

समारोह में कैंसर चिकित्सक सुरेश एच. आडवाणी, प्रख्यात लोक गायिका मालिनी अवस्थी, सिने कलाकार पीयूष मिश्रा, पार्श्व गायिका कविता सेठ, जीवा आयुर्वेद के संस्थापक प्रताप सिंह चौहान, जादूगर आनंद अवस्थी, युवा गीतकार अमन अक्षर, ड्रोन टेक्नोलॉजी के संचालक निखिल और पार्श्व गायिका श्रद्धा पंडित को मानद उपाधि और 200 विद्यार्थियों को पूर्णता प्रमाण-पत्र एवं उपाधियाँ प्रदान की गईं।

राज्यपाल ने कहा कि शिक्षित विद्यार्थियों का दायित्व है कि वे अपनी योग्यता और संस्कारों की सुगंध सारी दुनिया में फैलाये। उन्होंने कहा कि ऋग्वेद में कहा गया है कि ज्ञानी लोग अज्ञानियों को भी ज्ञानवान बनाते हैं। महान व्यक्तियों ने इसी भाव से ज्ञान का अर्जन एवं उपयोग करके, इस धरती पर लंबे समय तक याद की जाने वाली ऊँचाइयों को पाया। शिक्षा के बिना व्यक्ति जीवन में सफल नहीं हो सकता। किसी भी कॅरियर में सफलता के मूल में निरंतर ज्ञान प्राप्त करने के प्रयास हैं।

व्यक्तित्व को आकार देने, लोगों के साथ हमारे व्यवहार को सही करने के लिए भी ज्ञानवान होना बहुत महत्वपूर्ण है। ज्ञान केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों से संबंधित नहीं है। जिसको हम पुस्तकों में पढ़ते हैं, यह निरंतर अनुभवों और घटनाओं से भी मिलता रहता है। ज्ञान व्यक्ति को अपनी ताकत और कमजोरियों को समझने का सामर्थ्य देता है और परिवेश और जीवन की परिस्थितियों के साथ समायोजन में भी सहयोगी होता है

 

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