दिल्ली में कल मनाया जाएगा 47वां सिविल लेखा दिवस
नईदिल्ली। 47वां सिविल लेखा दिवस कल नई दिल्ली के जनपथ स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में मनाया जाएगा। इसी दिन भारतीय सिविल लेखा सेवा की स्थापना की गई थी। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे। केंद्रीय वित्त सचिव डॉ. टीवी सोमनाथन भी समारोह के दौरान दर्शकों को संबोधित करेंगे।
भारतीय सिविल लेखा सेवा (आईसीएएस) का गठन 1976 में लोक वित्तीय प्रशासन में एक ऐतिहासिक सुधार के परिणामस्वरूप किया गया था, जब केंद्र सरकार के खातों के रखरखाव को लेखा परीक्षा से अलग कर दिया गया था। नतीजतन, भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक को इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया था।
लेखा परीक्षा से खातों को अलग करने और विभागीय खातों का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक मार्च, 1976 को राष्ट्रपति द्वारा दो अध्यादेश -- नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कर्तव्य, शक्तियां और सेवा की शर्तें) संशोधन अध्यादेश और संघ लेखा विभागीकरण (कार्मिक का स्थानांतरण) अध्यादेश, 1976 लागू किए गए थे। इसी उपलक्ष्य में, हर साल एक मार्च को संगठन अपना स्थापना दिवस मनाता है।
लेखा महानियंत्रक का कार्यालय, भारत सरकार का प्रधान लेखा सलाहकार होता है और देश की भुगतान और लेखा प्रणाली की देखरेख करता है। संगठन खातों के माध्यम से वित्तीय जवाबदारी सुनिश्चित करता है और निर्णय लेने में कार्यकारी की सहायता करता है। अपनी स्थापना के बाद से भारतीय नागरिक लेखा संगठन का महत्त्व लगातार बढ़ा है और अब यह केंद्र सरकार के सार्वजनिक वित्त के प्रबंधन में उत्कृष्ट व्यवहारों के माध्यम से शासन को मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
संगठन का मिशन बजट, भुगतान, लेखांकन और पेंशन वितरण के लिए एक प्रभावी, विश्वसनीय और उत्तरदायी प्रणाली का संचालन करना है। इसका उद्देश्य मंत्रालयों में एक विश्व स्तरीय और मजबूत सरकार-व्यापी एकीकृत वित्तीय सूचना प्रणाली और निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) उपलब्ध कराना है। इसके अलावा, संगठन ने बेहतर पारदर्शिता और जवाबदारी के लिए आंतरिक लेखा परीक्षा का एक नया प्रतिमान विकसित करने का प्रयास किया है। संगठन ने एक समर्पित और प्रेरित कार्य बल के माध्यम से कार्य-व्यवसाय सम्बंधी निष्ठा और क्षमता को बढ़ावा देने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।