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कृषि क्षेत्र में श्रेष्ठता हासिल करने के लिए किसान से लेकर इंडस्ट्रीज सब मिलकर काम करेः तोमर

नईदिल्ली। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) व इसके तहत आने वाले संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों व उद्योगों का सम्मेलन दिल्ली में आयोजित किया गया। इसमें केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व राज्य मंत्री कैलाश चौधरी भी शामिल हुए। सम्मेलन के माध्यम से आईसीएआर का उद्देश्य उद्योग, अनुसंधान एवं शिक्षा जगत के उन संगठनों के साथ काम करना है, जिनकी आईसीएआर की तकनीकों में रूचि है, ताकि पारस्परिक लाभ प्राप्त करते हुए इसका दीर्घकाल में व्यापकता के साथ कृषि क्षेत्र सहित देश को फायदा मिल सकें। 
 
 
सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि आईसीएआर ने जो अनुसंधान किया है, उसका उपयोग इंडस्ट्रीज कैसे करें, एक-दूसरे से पूरक होकर इसे कैसे आगे बढ़ाएं, जमीनी स्तर पर काम करने वाली इंडस्ट्रीज क्या चाहती है, फीडबैक मिलेगा तो काम और बेहतर किया जा सकता है। हमारे कृषि उत्पादों की अहमियत दुनिया में बढ़ी है। हमारे उत्पादों की गुणवत्ता अच्छी रहे, यह जिम्मेदारी सबकी है। इस क्षेत्र में जो कमियां या गैप्स है, उन्हें भरने की आवश्यकता है, साथ ही विद्यमान अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों का सामना करते हुए भारत कृषि क्षेत्र में श्रेष्ठता कैसे हासिल कर सकता है, उस दिशा में किसान से लेकर इंडस्ट्रीज, सभी को मिलकर काम करना चाहिए। 
 
 
अमृत काल में ऐसे विमर्श की महत्ता और बढ़ जाती है। दुनिया की भारत से अपेक्षाओं को पूरा करने की दिशा में हमारी सोच होना चाहिए। दुनिया के राजनीतिक परिदृश्य पर भारत की बढ़ती हुई महत्ता को प्रतिपादित करने व इसे और मजबूत करने के लिए तथा वर्ष 2047 (अमृत काल) तक भारत विकसित देश के रूप में खड़ा हो, इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए हमारे विमर्श की व्यापकता एवं सार्थकता होना अत्यंत आवश्यक है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी इस दिशा में स्वयं भी सोचते है और दूसरे भी इस दिशा में प्रवृत्त हो, यह उनका आग्रह रहता है। वैश्विक परिदृश्य में भारत के बारे में राय तेजी से बदल रही है, जो और तेजी से बदलें व स्थापित हों, इसके लिए हम सब के संयुक्त प्रयास व तीव्र गति से चलने की आवश्यकता है।
 
 
तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में भारत ने काफी प्रगति की है, लेकिन अभी बहुत सारी चुनौतियां कृषि के समक्ष है, जिनकी पहचान करते हुए उनके समाधान की दिशा में काम करना व कृषि क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था को और बल देने वाला बनें, इस दिशा में ज्यादा विमर्श होना चाहिए। परंपरागत कृषि से बढ़कर, साथ ही लैब टू लैंड तक तकनीक का पूरा उपयोग करते हुए, योजनाबद्ध ढंग से काम करने की जरूरत है। आईसीएआर से जुड़े वैज्ञानिकों ने काफी उल्लेखनीय अनुसंधान किए हैं, जो आज देश-दुनिया के काम आ रहे हैं। 
 
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