रायपुर

हाथियों को ‘आतंकी, उत्पाती, हत्यारा…जैसे शब्द ना बोलें…हाथियों के प्रति नकारात्मक धारणा बदलने की जरूरत

रायपुर।  छत्तीसगढ़ वन विभाग ने हाथियों के प्रति समाज में व्याप्त नकारात्मक धारणा को लेकर चिंता व्यक्त की है। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रेम कुमार ने कहा कि समाचार पत्रों और अन्य मीडिया माध्यमों में आतंकी, उत्पाती, हत्यारा, हिंसक, पागल, बिगड़ैल, जिद्दीजैसे नकारात्मक शब्दों का उपयोग किया जाता है, जिससे समाज में हाथियों के प्रति भय और नकारात्मकता बढ़ती है। यह प्रवृत्ति मानव-हाथी सह-अस्तित्व के प्रयासों को प्रभावित करती है।

उन्होंने कहा है कि भारत में हाथी सिर्फ एक वन्यजीव नहीं, बल्कि संस्कृति, धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं का अभिन्न हिस्सा है। प्राचीन काल से भगवान गणेश का प्रतीक माने जाने वाले हाथी को धैर्य, शक्ति और सहनशीलता का प्रतीक माना जाता है। हाथी को कीस्टोन प्रजातिएवं ईको-सिस्टम इंजीनियरभी कहा जाता है, क्योंकि वे वनों के पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनके रहने से वनों की कार्बन अवशोषण क्षमता में वृद्धि होती है, जिससे जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।