रायपुर। छत्तीसगढ़ की पद्मश्री डॉ0 ममता चंद्राकर किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। वर्तमान में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की कुलपति डॉ ममता चंद्राकर को आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया है। यह सम्मान वास्तव में छत्तीसगढ़ की संस्कृति और गौरव का प्रमाण पत्र है, जिसकी वजह से आज छत्तीसगढ़ एक बार फिर देश के नक्शे पर चमक रहा है।
छत्तीसगढ़ की प्रख्यात लोक गायिका डॉ. मोझदा (ममता) चंद्राकर को इससे पहले पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। लोक संस्कृति की प्रसिद्ध गायिका डॉ. ममता चंद्राकर ने संगीत के प्रति अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया, तो कई नए आयाम को भी हासिल करने में सफलता हासिल की है, जिसमें से एक आज मिला सम्मान भी शामिल है।
कला-संगीत के क्षेत्र में दिए जाने वाले इस शीर्ष सम्मान को प्राप्त करने पर डॉ. चंद्राकर को कला-संगीत, शिक्षा, साहित्य, पत्रकारिता, राजनीति, विधि, समाजसेवा, व्यापार, कृषि, चिकित्सा आदि विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े उनके परिजनों, परिचितों, शुभचिंतकों और दर्शकों ने हर्ष और शुभकामनाएं व्यक्त की हैं।
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के कुलसचिव प्रो. डॉ. आईडी तिवारी, सभी डीन, शिक्षक, विद्यार्थी, अधिकारी-कर्मचारी समेत विश्वविद्यालय परिवार ने शुभकामनाएं और बधाई व्यक्त की हैं।दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में राष्ट्रपति मुर्मू के हाथों, अन्य सम्मानित अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति में डॉ. ममता चंद्राकर को आज यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया।