ट्रांसफर आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देकर फंसे अधिकारी.... एक ने खोली, दूसरे की पोल
रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने लोक निर्माण विभाग (PWD) के कार्यपालन अभियंता (EE) निर्मल कुमार सिंह पर कोर्ट को गुमराह करने के मामले में कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने उन पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि कोर्ट में गलत जानकारी देकर राहत लेने की कोशिश कानून की अवहेलना है।
निर्मल कुमार सिंह ने अपने स्थानांतरण आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने कोर्ट को बताया कि वे 30 जून 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं और स्थानांतरण नीति के अनुसार, एक साल के भीतर सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी का तबादला नहीं किया जा सकता। इस आधार पर कोर्ट ने 6 दिसंबर 2024 को उनके पक्ष में आदेश जारी कर दिया था। लेकिन बाद में सामने आया कि उन्होंने कोर्ट से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य छुपाए थे।
PWD सचिव ने 30 नवंबर 2024 को एक स्थानांतरण आदेश जारी किया था, जिसमें डीके चंदेल को रायपुर से बेमेतरा और निर्मल कुमार सिंह को बेमेतरा से रायपुर स्थानांतरित किया गया था। निर्मल कुमार सिंह ने इस आदेश को चुनौती दी और हाईकोर्ट से अपने पक्ष में फैसला ले लिया। लेकिन असली सच्चाई तब सामने आई जब इस मामले में एक अन्य अभियंता डीके चंदेल ने कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर की।
डीके चंदेल ने कोर्ट में बताया कि निर्मल कुमार सिंह ने 2022 की स्थानांतरण नीति का हवाला दिया था, जो सिर्फ एक साल के लिए थी और अब अस्तित्व में नहीं थी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी उजागर किया कि 3 दिसंबर 2024 को उन्होंने बेमेतरा में कार्यभार ग्रहण कर लिया था, जबकि निर्मल कुमार सिंह ने 9 दिसंबर 2024 को फिर से बेमेतरा में कार्यभार ग्रहण कर लिया था। इससे साफ हुआ कि निर्मल कुमार सिंह ने कोर्ट को गुमराह किया था।
जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की सिंगल बेंच ने सुनवाई के दौरान माना कि निर्मल कुमार सिंह ने कोर्ट में झूठी जानकारी दी थी। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति “साफ हाथों” से नहीं आता, वह किसी भी राहत का हकदार नहीं होता। हाईकोर्ट ने 6 दिसंबर 2024 को जारी अपने आदेश को रद्द कर दिया और 30 नवंबर 2024 के स्थानांतरण आदेश को बहाल कर दिया। इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिया गया कि डीके चंदेल को बेमेतरा और निर्मल कुमार सिंह को रायपुर में कार्यभार ग्रहण कराया जाए।