दिव्य महाराष्ट्र मंडल

महाराष्ट्र मंडल में हुई शिवाजी महाराज की महाआरती, अध्यक्ष ने डाला शिवाजी महाराज की शौर्य गाथा पर प्रकाश

रायपुर। महाराष्ट्र मंडल में रविवार को छत्रपति शिवाजी महाराज की महाआरती की गई। हर माह की 19 तारीख को यह महाआरती की जाती है। इस अवसर पर मंडल के अध्यक्ष अजय काले ने अपने संबोधन में शिवाजी महाराज की शौर्य गाथा के कई पन्नों को पलटा।
 
आध्यात्मिक समिति के वरिष्ठ सदस्य हेमंत मार्डीकर ने कहा कि 10 फरवरी 1630 में दुर्ग शिवनेरी में जन्मे छत्रपति शिवाजी महाराज ने अनुशासित, सुसंगठित और प्रशासनिक इकाइयों की मदद से योग्य एवं प्रगतिशील शासन किया। उनकी विशेषता कई समर विद्या के नवाचार करने और छापामार युद्ध की नहीं शैली (शिव सूत्र) विकसित करने की भी मानी जाती है। प्राचीन हिंदू राजनैतिक प्रथाओं और दरबारी शिष्टाचारों को दोबारा जीवित करने में उनका योगदान इतिहास में अमर है।
 
मार्डीकर ने कहा कि शिवाजी महाराज ने फारसी भाषा के स्थान पर मराठी व संस्कृत भाषा को राजकीय कामकाज के लिए स्थापित किया। 1974 में रायगढ़ में राज्याभिषेक के बाद और 3 अप्रैल 1680 को निधन से पहले उनकी वीर गाथाओं के इतने प्रेरणादायी किस्से हैं कि उनका वर्णन करने में ही पूरा दिन कम पड़ेगा।
 
 
युवा समिति के अध्यक्ष विनोद राखुंडे ने इस अवसर पर जानकारी दी कि 22 मार्च को मंडल की युवा समिति, कला व संस्कृति समिति एवं महिला केंद्रों के माध्यम से भव्य प्रभात फेरी तात्यापारा स्थित हनुमान मंदिर से निकाली जाएगी, जो शारदा चौक, जयस्तंभ चौक से वापस हनुमान मंदिर लौटेगी और इसके तत्काल बाद बाइक रैली निकाली जाएगी। बाइक रैली हनुमान मंदिर से शारदा चौक, जयस्तंभ चौक, कोतवाली चौक, बिजली ऑफिस चौक, बुढ़ेश्वर मंदिर चौक, लाखे नगर चौक, डगनिया सब्जी बाजार, अनुपम गार्डन तिराहा से होते हुए महाराष्ट्र मंडल लौटेगी।
 
छत्रपति शिवाजी महाराज की महाआरती में युवा समिति के नवीन देशमुख, पवन ओगले, रीना बाबर, सांस्कृतिक समिति के प्रभारी प्रेम उपवंशी, प्रिया बक्षी, गौरी क्षीरसागर, पर्यावरण समिति के प्रभारी अभय भागवतकर सहित अनेक पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे।