महाराष्ट्र मंडल के मकर संक्रांति में रही ड्रामा- डांस की धूम
रायपुर। महाराष्ट्र मंडल में मराठी- हिंदी गानों की जबर्दस्त प्रस्तुतियों के बीच मकर संक्रांति पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर रंगोली प्रतियोगिता विशेष आकर्षण का केंद्र बनी रही। वही अपने संबोधन में महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष अजय काले और सचिव चेतन दंडवते ने मराठी संस्कृति को सहेजने और अपने बच्चों को संस्कारित बनाने पर जोर दिया।
कार्यक्रम की संयोजिका सुरभि गनोदवाले, अनुजा महाडिक, अक्षता पंडित और रचना ठेंगड़ी ने बताया कि 15 बाई 15 बिंदुओं की परंपरागत रंगोली स्पर्धा में रोहिणीपुरम की श्रेया टल्लू प्रथम, जयश्री गायकवाड द्वितीय, टाटीबंध केंद्र की सोनल पेदे तृतीय रहीं। आरती ठोंबरे, सुरेखा हिशीकर और शारदा लोणारे की रंगोली को सांत्वना पुरस्कार मिला। आनंद मेले में खानपान के स्टॉल ग्राहकों, खासकर बच्चों को अधिक आकर्षित कर पाए। आर्टिफिशियल ज्वेलरी के स्टालों में भी महिलाओं की भीड़ जुटी।
मंडल की महिला प्रमुख विशाखा तोपखानेवाले ने बताया कि शिल्पा वरवंडकर के मुख्य आतिथ्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हुआ। इसमें गणेश, सरस्वती वंदना की मंचीय प्रस्तुतियों में बच्चों की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही। मराठी और हिंदी के गानों पर नृत्य की प्रस्तुतियों ने लोगों को काफी लुभाया।
अपर्णा कालेले द्वारा निर्देशित 'फक्त स्त्रियां करिता' (सिर्फ महिलाओं के लिए) नाटक ने न केवल दर्शकों को गुदगुदाया, बल्कि एक सशक्त संदेश देने में भी सफल रहा। नाटक में सशक्त अभिनय से भारती पलसोदकर, प्रिया बक्षी, गौरी क्षीरसागर, पल्लवी मुकादम, अक्षता पंडित, स्वाति डबली, अनुपमा बोधनकर ने अपने- अपने पात्रों को जीवंत किया। कार्यक्रम के अंत में हल्दी कुमकुम के बाद महिलाओं को वाण (उपहार) दिया गया। मंच का संचालन किशोरी खंगन ने किया।