She is a Changemaker में जुटीं कई राज्यों की महिला विधायक
नईदिल्ली। राष्ट्रीय महिला आयोग ने चार से छह फरवरी तक सात दक्षिणी और पूर्वोत्तर राज्यों की चयनित महिला जनप्रतिनिधियों (विधायकों) के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। She is a Changemaker के तहत यह आयोजन किया गया। यह आयोग का देशव्यापी क्षमता निर्माण कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य हर स्तर पर महिला प्रतिनिधियों के नेतृत्वकारी कौशल में सुधार लाना है।
पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू समारोह में मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष सुश्री रेखा शर्मा, महिला, बाल, विकलांग और वरिष्ठ नागरिक कल्याण विभाग के प्रधान सचिव मुद्दादा रवि चंद्र, आईएएस और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी की उप-निदेशक सुश्री दिशा पन्नू भी उपस्थित थीं।
अपने संबोधन में पूर्व उपराष्ट्रपति ने राजनीति और निर्णय करने की प्रक्रिया में महिलाओं की भूमिका के महत्त्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को स्थानीय निकायों, संसद और विधानसभाओं में समान प्रतिनिधित्व और राजनीतिक हैसियत मिलनी चाहिए। उन्होंने वित्तीय सशक्तिकरण के लिये महिलाओं को समान उत्तराधिकार दिये जाने की भी पैरवी की।
उन्होंने आगे कहा कि यह बहुत जरूरी है, क्योंकि महिलाओं को पूरी तरह शक्तिसम्पन्न बनाने के लिए हमें वित्तीय संसाधनों तक उन्हें पहुंच देनी होगी। नेतृत्व में लैंगिक संतुलन और विविधता के महत्त्व को कम करके नहीं आंकना चाहिये।
नायडू ने कहा, “राष्ट्रीय महिला आयोग का यह देशव्यापी क्षमता निर्माण कार्यक्रम नेतृत्वकारी भूमिका निभाने में महिलाओं की मदद करेगा कि वे महत्त्वपूर्ण मुकाम प्राप्त करें और सफलता की नई ऊंचाईयों तक पहुंच सकें। ज्यादा से ज्यादा महिला नेतृत्व विभिन्न कौशल और कल्पनाशील परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करने में समर्थ होगा।
अपने स्वागत भाषण में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष सुश्री रेखा शर्मा ने कहा कि इस अवसर पर श्री नायडू का बोलने की इच्छा से पता चलता है कि वे महिला सशक्तिकरण के लिए कितना समर्पित हैं। सुश्री शर्मा ने कहा कि उपराष्ट्रपति हमेशा इस बात का जोरदार समर्थन करते रहे हैं कि संसद में ज्यादा से ज्यादा महिलायें चुनकर जायें।
तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन विशाखापत्तनम में हुआ, जिसमें लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी के नेशनल जेंडर एंड चाइल्ड सेंटर ने सहयोग दिया। कार्यशाला के दौरान महिला विधायकों को लैंगिक-दायित्वपूर्ण शासन में प्रशिक्षित किया जायेगा, जिसके विभिन्न सत्र हैं, जैसे ‘प्रभावशाली नेतृत्व,’ ‘समावेशी शासन,’ ‘लैंगिक संवेदनशील और समावेशी संपर्क,’ ‘विधायी परंपराओं को मजबूत बनाना’, ‘डिजिटल साक्षरता और सोशल मीडिया प्रशिक्षण,’ ‘राजनीति में महिलाओं के सामने आने वाली व्यावहारिक चुनौतियां’ आदि। कार्यशाला में केरल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और असम की 33 महिला प्रतिनिधियों ने भाग लिया।