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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जर्मनी के रक्षा मंत्री ने विशेष रूप से औद्योगिक साझेदारी बढ़ाने के बारे में बातचीत की

नईदिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में जर्मनी के रक्षा मंत्री श्री बोरिस पिस्टोरियस के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों मंत्रियों ने मौजूदा द्विपक्षीय रक्षा सहयोग गतिविधियों की समीक्षा की और विशेष रूप से रक्षा औद्योगिक साझेदारी में सहयोग को बढ़ाने के तरीकों का पता लगाया। रक्षा मंत्री ने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो रक्षा औद्योगिक गलियारों में जर्मनी निवेश की संभावनाओं सहित रक्षा उत्पादन क्षेत्र में व्याप्त अवसरों पर प्रकाश डाला। भारतीय रक्षा उद्योग जर्मन रक्षा उद्योग की आपूर्ति श्रृंखलाओं में भाग ले सकता है और आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन में योगदान देने के अलावा इको-सिस्टम में भी मूल्य संवर्धन कर सकता है।

राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और जर्मनी साझा लक्ष्यों और शक्ति की पूरकता के बारे में अधिक परस्पर लाभकारी संबंध स्थापित कर सकते हैं, जिनमें भारत से कुशल कार्यबल और प्रतियोगी लागत तथा जर्मनी से उच्च प्रौद्योगिकियां और निवेश शामिल हैं। भारत और जर्मनी के बीच वर्ष 2000 से रणनीतिक साझेदारी चल रही है, जिसे 2011 से शासनाध्यक्षों के स्तर पर अंतर-सरकारी परामर्शों के माध्यम से मजबूत किया जा रहा है।

रक्षा सचिव गिरिधर अरामाने और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान सहित रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक में भाग लिया। इस बैठक में जर्मनी की ओर से रक्षा मंत्रालय के विदेश सचिव श्री बेनेडिक्ट ज़िमर के अलावा वरिष्ठ अधिकारी और भारत में जर्मनी के राजदूत भी उपस्थित रहे।  वर्ष 2015 के बाद किसी जर्मन रक्षा मंत्री की यह पहली भारत यात्रा है।

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