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भारत और अफ्रीका, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों के स्वाभाविक भागीदार हैं: केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल

नईदिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण व वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अफ्रीका ऐतिहासिक व सांस्कृतिक संबंधों के स्वाभाविक साझेदार हैं। श्री गोयल ने आज नई दिल्ली में भारत-अफ्रीका साझेदारीपर आयोजित सीआईआई- एक्जिम बैंक सम्मेलन में अपना प्रमुख भाषण दिया। मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि महात्मा गांधी ने सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों का अनुपालन किया था और नेल्सन मंडेला ने इस अमूल्य विरासत को आगे बढ़ाया।

गोयल ने अफ्रीकी क्षेत्र के 15 राजदूतों के साथ अपनी हालिया बातचीत का उल्लेख किया, जो इस संबंध को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक कदम था। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में अफ्रीका के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 9.26 फीसदी बढ़कर लगभग 100 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। श्री गोयल ने आगे बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में निर्यात 5,120 करोड़ अमेरिकी डॉलर और आयात 4,665 करोड़ अमेरिकी डॉलर के साथ निर्यात व आयात लगभग संतुलित था। उन्होंने साल 2030 तक व्यापार की मात्रा को दोगुना करके 200 बिलियन करोड़ अमेरिकी डॉलर करने के लक्ष्य को प्राप्त करने का विश्वास व्यक्त किया। मंत्री ने कहा कि आकांक्षी युवाओं की आबादी इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता कर सकती है।

पीयूष गोयल ने कहा कि अफ्रीका के 27 सबसे कम विकसित देश (एलडीसी) पहले से ही गैर-पारस्परिक आधार पर शुल्क मुक्त टैरिफ प्राथमिकता से लाभान्वित हैं और अन्य अफ्रीकी देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) व व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) की संभावना का भी पता लगाया जा सकता है।

मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पिछले 9 वर्षों में समान भागीदार के रूप में एक साथ विकसित होने की भावना भारत-अफ्रीका संबंधों का मार्गदर्शन करती है। श्री गोयल ने आगे कहा कि इसी भावना ने दोनों पक्षों के बीच साझेदारी की नींव को मजबूत किया है और आपसी भाईचारा को स्थापित किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री की बातों का उल्लेख किया। मंत्री ने कहा, "अफ्रीका हमारी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर होगा। हम अफ्रीका के साथ अपने संबंधों को और अधिक मजबूत करना जारी रखेंगे। जैसा कि पहले हमने दिखाया है, यह आगे भी निरंतर और नियमित रहेगा।"

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