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सिकलसेल रोग के प्रति जागरूकता के लिए हर समुदाय और व्यक्ति का सहयोग जरूरीः राज्यपाल

भोपाल। सिकलसेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए व्यापक जागरूकता आवश्यक है। सिकल सेल एनीमिया के प्रभावी रोकथाम के लिए प्रबंधन अैर इलाज में हर समुदाय और व्यक्ति को सहभागी बन कर मानवता की सेवा करनी होगी। उक्त बातें राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने विश्व सिकल सेल दिवस पर मंडला के सेमरखापा के एकलव्य परिसर में संगोष्ठी और स्क्रीनिंग केम्प में कहीं।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि मानव सेवा ही प्रभु की सेवा है। सिकलसेल एनीमिया के इलाज के नेक काम में हर कोई यथा-संभव सहयोग करे। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2025 तक भारत को टीबी और वर्ष 2047 तक सिकलसेल एनीमिया मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इसे पूरा करने के लिए हम सभी को आगे आना होगा और सरकार का सहयोग करना होगा।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया अनुवांशिक रोग है। इसके उन्मूलन के लिए हर परिवार में जाकर कॉउंसलिंग एवं स्क्रीनिंग करना होगा। साथ ही आँगनवाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की जाँच करते समय उनके परिवार की बीमारी का इतिहास भी पता करना होगा। उन्होंने कहा कि आँगनवाड़ी केन्द्र, प्राथमिक, माध्यमिक, हायर सेकेंडरी स्कूल और कॉलेजों में जाकर बच्चों की भी समय-समय पर सिकल सेल एनीमिया की जाँच करनी होगी।

उन्होंने केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों और नीतिगत प्रावधानों की जानकारी भी दी। राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए बजट में 15 हज़ार करोड़ रूपये का प्रावधान किया है। राज्य शासन ने भी सिकल सेल उन्मूलन जागरूकता और प्रबंधन के लिए राज्य हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन की स्थापना की है और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से अन्य कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।

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