हेल्थ डेस्क। विश्व में कोरोना महामारी ने दो सालों तक जमकर आतंक मचाया। इससे भारत भी अछूता नहीं था। आज भारत भले ही कोरोना महामारी की चपेट से 90 फीसदी उबर चुका है, लेकिन कोरोना ने बीते दो सालों में जो दंश दिया है, उससे लोग अब भी नहीं उबर पाए हैं। जिसका खुलासा एक स्टडी में हुआ है। जिसके मुताबिक जो लोग कोरोना की चपेट में आए थे, उनके फेफड़े अब भी सामान्य नहीं हो पाए हैं।
'रेडियोलॉजी' नाम के एक साइंस जर्नल में पब्लिश हुई इस स्टडी में बताया गया है कि दुनियाभर में 60 करोड़ से ज्यादा लोग कोविड से रिकवर हो चुके हैं, लेकिन फिर भी उनके कुछ अंगों में, खासकर फेफड़ों में लंबे समय तक इन्फेक्शन रह सकता है। ये स्टडी चीन के वुहान में स्थित मेडिकल कॉलेज ऑफ हुआझोंग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्विंग यी और हेशुई शी ने की है।
इस स्टडी के लिए कोविड से रिकवर हो चुके 144 मरीजों को शामिल किया गया था। जिसमें 79 पुरुष और 65 महिलाएं थीं, जिनकी औसत उम्र 60 साल थी। ये वो मरीज थे जो 15 जनवरी से 10 मार्च 2020 के बीच कोविड से ठीक हुए थे। इन लोगों का 6 महीने, 12 महीने और दो साल में तीन बार सीटी स्कैन किया गया था। सीटी स्कैन में सामने आया कि कोविड से रिकवर होने के दो साल बाद भी इनके फेफड़ों में कई तरह की परेशानियां थीं। इनके फेफड़ों में फाइब्रोसिस, थिकनिंग, हनीकॉम्बिंग, सिस्टिक चेंज जैसी कई तरह की समस्याएं दिखीं।
स्टडी में सामने आई यह बात
इस स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि कोविड की चपेट में आए लोगों में 54 फीसदी लोगों के फेफड़े ठीक होने के 6 महीने बाद भी सामान्य तरीके से काम नहीं कर रहे थे। इस स्टडी में इस बात का भी पता चला है कि ठीक होने के दो साल बाद भी 39 फीसदी लोगों के फेफड़ों में गंभीर किस्म का इंफेक्शन देखने में आया है। इस स्टडी में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि कोविड की चपेट में आए लोग अब भी सामान्य जीवन नहीं जी रहे हैं, बल्कि समय—समय पर उन्हें सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, तो सर्दी और जुकाम की शिकायत बढ़ रही है।