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अर्श से फर्श पर पहुंचे गौतम अडानी... तीसरे पायदान से अब 33 वें में गिनती... शेयर में 85 फीसदी की गिरावट

नई दिल्ली: दुनिया के तीसरे सबसे अमीर उद्योगपति कहलाने वाले गौतम अडानी (Guatam Adani) के पास अब सिर्फ 1 तिहाई संपत्ति शेष है। गौतम अडानी जो 130 अरब डॉलर के नेटवर्थ के साथ एक महीने पहले तक दुनिया के तीसरे अमीर शख्स थे, एक महीने में फिसलकर 33वें नंबर पर पहुंच गए है। इस रिकॉर्ड फिसलन की लिस्ट फोर्ब्स के रियल टाइम बिलेनियर लिस्ट में शामिल है। गौरतलब है कि ये सब अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) की निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद हुआ है। 24 जनवरी को जब शॉर्ट सेलर कंपनी ने अडानी समूह के खिलाफ अपनी रिपोर्ट जारी की, तब उनकी संपत्ति 127 अरब डॉलर थी। चंद दिनों में ही इस रिपोर्ट ने उन्हें 33वें पायदान पर पहुंचा दिया। पिछले एक महीने में अडानी समूह में काफी कुछ देखने को मिला है।

हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद गिरावट का दौर
हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर अकाउंटिंग फ्रॉड, शेयरों की कीमतों में ओवरप्राइसिंग समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे। अपनी रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने कहा था कि अडानी सूह की कंपनियों के शेयरों के दाम 85 फीसदी तक अधिक हैं और आज उसकी भविष्यवाणी सच साबित हुई है। अडानी के शेयर 85 फीसदी तक गिर चुके हैं। गौतम अडानी को ही नहीं, उनके निवेशकों को भी भारी नुकसान हुआ है। एक नजर डालते हैं एक महीने में अडानी समेत किसे-किसे कितना नुकसान हुआ है।

127 से अब 35 अरब डॉलर पर अडानी
गौतम अडानी की निजी संपत्ति गिरकर मात्र 35 अरब डॉलर रह गई है। 24 जनवरी से लेकर 24 फरवरी के बीच में गौतम अडानी का नेटवर्थ 127 अरब डॉलर से गिरकर 35 अरब डॉलर तक गिर गया है। एक महीने में उनकी दौलत दो-तिहाई स्वाहा हो चुकी है। अब गौतम अडानी के पास मात्र 1 तिहाई संपत्ति बच गई है। अगर ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स में देखें को गौतम अडानी की संपत्ति गिरकर 40 अरब डॉलर के पास रह गई हैं।

 

 

दूसरी कंपनियों के शेयर भी प्रभावित

गौतम अडानी को लगे झटके का असर एसबीआई के शेयरों पर भी देखने को मिल रहा है। गौतम अडानी की की कंपनियों को एसबीआई ने बारी भरकम कर्ज दिया है। अगर कंपनी ये कर्ज नहीं चुका पाती है तो बैंक को बड़ा नुकसान होगा। इस डर से एसबीआई के निवेशक भी शेयर बेचकर निकल रहे हैं। 24 जनवरी को जब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई तो एसबीआई के शेयर 604.60 रुपये पर बंद हुआ था। 23 फरवरी को कंपनी के शेयर गिरकर 521 रुपये पर पहुंच गए। एक महीने में एसबीआई के शेयर 14 फीसदी तक टूट गए। यानी देखा जाए तो हिंडबर्ग की रिपोर्ट के आंच सिर्फ अडानी तक ही नहीं सीमित रही, बल्कि उनसे जुड़े लोगों को भी इसका नुकसान हो रहा है। 

 

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