रायपुर

बिलासपुर और दुर्ग में पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र शिविर

रायपुर। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय का पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) 1 नवंबर से 30 नवंबर, 2025 तक राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (DLC) अभियान 4.0 का आयोजन कर रहा है। यह अभियान 'डिजिटल इंडिया' और 'ईज ऑफ लिविंग' मिशनों के अनुरूप, पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के सरकारी दृष्टिकोण के तहत एक प्रमुख पहल है।

राष्ट्रव्यापी अभियान के हिस्से के रूप में, मनोज कुमार तिवारी, वरिष्ठ सलाहकार , शिविरों की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने और फेस ऑथेंटिकेशन तथा डोरस्टेप सेवाओं के माध्यम से डीएलसी सुविधा का लाभ उठा रहे पेंशनभोगियों के साथ बातचीत करने के लिए छत्तीसगढ़ का दौरा करेंगे जिसमे डीएलसी शिविर बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में 6 नवंबर, 2025 को और दुर्ग (भिलाई), छत्तीसगढ़ में 7 नवंबर, 2025 को शामिल होंगे। अधिकारी इन शिविरों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए बैंकों, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (DoP), यूआईडीएआई (UIDAI), एनआईसी और स्थानीय पेंशनभोगी कल्याण संघों के बीच समन्वय की समीक्षा भी करेंगे।

डीएलसी अभियान 4.0 का लक्ष्य संतृप्ति-आधारित आउटरीच दृष्टिकोण के माध्यम से 2,000 से अधिक शहरों और कस्बों में दो करोड़ पेंशनभोगियों तक पहुँचना है। अभियान आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन (चेहरा प्रमाणीकरण) तकनीक के उपयोग पर जोर देता है, जिससे पेंशनभोगी बिना बायोमेट्रिक उपकरणों की आवश्यकता के आसानी से अपना जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकते हैं। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की डोरस्टेप डीएलसी सेवा के माध्यम से सुपर सीनियर और दिव्यांग पेंशनभोगियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 'मन की बात' संबोधन और संविधान दिवस संबोधन (26 नवंबर, 2024) में इस बात पर प्रकाश डाला था कि डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जैसी 'डिजिटल इंडिया' पहलों ने देश भर के वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेंशन प्रक्रिया को कैसे सरल बना दिया है।

यह अभियान पेंशनभोगियों के डिजिटल समावेशन को प्राप्त करने के लिए बैंकों, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, दूरसंचार विभाग, यूआईडीएआई, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय,, एनआईसी, सीजीडीए, रेलवे और पेंशनभोगी कल्याण संघों सहित सभी प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाएगा। विभाग डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान जैसी सतत सुधारों और प्रौद्योगिकी-संचालित पहलों के माध्यम से पेंशनभोगियों के लिए 'ईज ऑफ लिविंग' और डिजिटल सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।