रायपुर। केंद्र सरकार के रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कार्पोरेशन (आरईसी-ग्रामीण विद्युतीकरण निगम) नई दिल्ली के चेयरमेन सह प्रबंध निदेशक विवेक कुमार देवांगन (आईएएस) ने छत्तीसगढ़ में विद्युत विकास की योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) व स्मार्ट मीटरिंग योजना की प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ तेज गति से विकास ओर अग्रसर है। यहां विकास की बहुत अधिक संभावना है। बिजली की निर्बाध आपूर्ति के मामले में छत्तीसगढ़ दूसरे राज्यों की तुलना में काफी बेहतर स्थिति में है। अधोसंरचना विकास की नई योजनाओं से भविष्य में लाइन लॉस में कमी आएगी, जिसका लाभ उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली के रूप में मिलेगा।
आरईसी के चेयरमेन देवांगन ने छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के डगनिया स्थिति मुख्यालय सेवा भवन में उच्च अधिकारियों की बैठक ली। इस बैठक में डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक मनोज खरे के साथ आरईसी के निदेशक श्री संजय बंसल और चीफ प्रोग्रामिंग मैनेजर प्रदीप फैलोस विशेष रूप से उपस्थित थे। एमडी खरे ने बताया कि प्रदेश में आठ क्षेत्रीय कार्यालय हैं, जिनके माध्यम से 60 लाख से अधिक उपभोक्ताओं तक बिजली पहुंचाने का विशाल तंत्र है। वर्तमान में प्रदेश में विद्युत की अधिकतम मांग 5878 मेगावाट पहुंच चुकी है। आरईसी के चेयरमेन ने छत्तीसगढ़ में विद्युत आपूर्ति को उत्कृष्ट बताते हुए संतोष जताया और विद्युत अधोसंरचना विकास के कार्यों के लिए आरईसी से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने स्मार्ट मीटरिंग, कृषि पंपों के फीडर पृथकीकरण, वितरण हानि दूर करने की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आरडीएसएस के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ को अच्छा कार्य करना है।
मुख्य अभियंता (परियोजना) राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि स्मार्ट मीटर के लिए तीन पैकेज में निविदा प्रक्रिया की जा रही है, जिसमें से पैकेज-01 में अंबिकापुर, रायगढ़ व बिलासपुर क्षेत्र तथा पैकेज-02 में रायपुर के लिए निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है। पैकेज-03 में राजनांदगांव,दुर्ग और जगदलपुर क्षेत्र के लिए पुनः निविदा आमंत्रित की जा रही है। पहले चरण में शासकीय संस्थाओं में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य है। उन्होंने राजधानी रायपुर में अंडरग्राउंड केबलिंग के प्रस्ताव पर भी चर्चा की।