दादाबाड़ी प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए घर-घर हो रहा तोरण और मंगल पत्रिका का वितरण
2023-02-16 04:34 PM
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रायपुर। श्री धर्मनाथ जिनालय व जिनकुशल सूरी दादाबाड़ी प्रतिष्ठा महोत्सव की शुभ बेला जैसे-जैसे नजदीक आते जा रही है जैन समाज के लोगों में उत्साह और भक्तिभाव बढ़ते जा रहा है। वैसे महोत्सव 23 फरवरी से 4 मार्च तक लेकिन सभी अपने स्तर पर तैयारी में जुटे हुए हैं। हर कार्य के लिए अलग-अलग टीम गठित की गई है।
दादाबाड़ी प्रतिष्ठा महोत्सव समिति प्रतिदिन नगर के सभी मंदिरों में जाकर पत्रिका का विमोचन कर रही हैं एवं उनकी समिति पत्रिका का वितरण का कार्य कर रही है ,मंदिर के आसपास की सभी कॉलोनियों एवं शहर के हर घर में तोरण द्वार पर लगवाए जा रहे है, घर-घर मेंहदी, गुड़, मौली आदि मंगलकारी वस्तुए बांटी जा रही है।
इस कार्य में जैन समाज की सभी कॉलोनियों की महिला मंडल भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही है। शहर भर में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में जैन समाज को आमंत्रित कर किया गया है। देश भर से भी सामाजिक लोग पहुंचेंगे। पहली बार शहर में इतना बड़ा ऐतिहासिक-धार्मिक आयोजन होने जा रहा है।
श्री ऋषभ देव ट्रस्ट मंडल की ओर से बताया गया कि जैन समाज के रायपुर नगर में लगभग 25 जिनालय है , इन जिनालयो के पास प्रतिदिन प्रभात फेरी करके अलग -अलग कॉलोनी में लोगों को सूचना पहुंचाई जा रही है। तोरण में अष्ट मंगल बनवाया गया है जो की प्रत्येक घर में शुभ सूचना आने का सूचक है, सोजत से मंगवाई गई मेंहदी हर घर में महिलाओं को बांटी जा रही है ताकि वे सपरिवार इस मंगलकारी आयोजन की शुभ बेला में पधारें।
23 फऱवरी से श्री धर्मनाथ जिनालय एवं दादाबाड़ी में और 25 फऱवरी से साइंस कॉलेज के प्रांगण में परमात्मा की राज सभा का मंचन होगा ,और इस मंचन में परमात्मा के च्यवन कल्याण, जन्म कल्याणक, दीक्षा कल्याणक का प्रस्तुतीकरण किया जायेगा। भगवती दीक्षा होगी,इस महोत्सव हेतु अभी से रायपुर के सभी मंदिरों को सजाया जा रहा हैं।
साइंस कॉलेज में 12 एकड़ में राज नगर का काम भी लगभग पूरा होने को है .सुरक्षा हेतु 2000 सीसीटीवी कैमरे लगवाए जा रहे है ,लोगो को महोत्सव के कार्यक्रम में आने जाने में तकलीफ न हो इस हेतु इको फ्रैंडली इलेक्ट्रॉनिक गाडिय़ां लगवाई जा रही है जिससे प्रदुषण भी न हो इसका ध्यान रखा गया है।
2000 गाडिय़ों की विशेष पार्किंग साइंस कॉलेज के पास और एमजी रोड में 700 गाडिय़ों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है जिससे शहर के यातायात में बिलकुल भी अवरोध नहीं होगा ,जैन समाज सदैव शहर के प्रति अपनी जवाबदारी को भली-भांति समझता है और इसलिए प्रभात फेरी प्रात: ही निकली जाती है ,जिसमे किसी भी प्रकार के ध्वनि प्रदूषण फ़ैलाने वाले धुमाल आदि का उपयोग नहीं किया जाता है,मात्र पुराने वाद्य यंत्रों द्वारा परमात्मा का मंगल गान स्वयं गाया जाता है।