अपराधों से निपटने के लिए साइबर कौशल अनिवार्य
रायपुर। सीसीपीडब्ल्यूसी योजनान्तर्गत साइबर अपराध अनुसंधान विषय पर सेंटर फॉर डेव्हलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (सीडैक) एवं छत्तीसगढ़ पुलिस के संयुक्त तत्वाधान में 11 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्य के तीन पुलिस रेंज क्रमशः रायपुर, दुर्ग एवं बस्तर के 25 पुलिस अधिकारी शामिल हो रहे है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को साईबर अपराध से संबंधित एनसीआरबी के डाटा का विश्लेषण कर यह पता लगाया जाना चाहिए कि देश एवं प्रदेश में साईबर अपराध का क्या ट्रेंड है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के परिदृश्य में बताया कि साईबर अपराध के प्रकारों में आरोपियों द्वारा फिशिंग कर लोगों की व्यक्तिगत जानकारी लेकर, पेन कार्ड, क्रेडिट कार्ड के जरिए ठगी के अपराध देखने को मिले हैं।
इसके अलावा सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी बनाकर पर्सनल एटैक, ऑनलाईन हरासमैंट जैसे अपराध भी राज्य में प्रकाश में आये हैं। सीडैक संस्था ने देश के महानगरों में इस क्षेत्र में काफी कार्य किया है। अतः ऐसे प्रकरणों की केस स्टडी का अवलोकन करने से राज्य में घटित होने वाले अपराधों की विवेचना में काफी मदद मिल सकती है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएं प्रदीप गुप्ता ने कहा कि साईबर अपराध जिस गति से बढ़ी है, उस पर नियंत्रण लाया जाना पुलिस के लिए एक चुनौती है। यह अपराध आने वाले समय में और अधिक जटिल होने वाली है। ऐसी स्थिति में पुलिस अधिकारियों का स्किल लेवल बढ़ाया जाना आवश्यक है। वर्तमान समय में साइबर एक अनिवार्य कौशल है, जिसका सभी पुलिस अधिकारियों को ज्ञान होना चाहिए। हम एक कदम आगे रहेंगे तभी इस अपराध से निपटा जा सकता है।