दिव्य महाराष्ट्र मंडल

कई समाजों ने महाराष्ट्र मंडल में बिखेरी सांस्कृतिक छटा, लोकार्पण समारोह का रंगारंग दूसरा दिन

रायपुर। चौबे कालोनी स्थित महाराष्ट्र मंडल भवन के तीन दिवसीय लोकार्पण समारोह के दूसरे दिन कई समाजों ने मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया। लगभग तीन घंटे तक चले कार्यक्रम में समूह नृत्य, एकल नृत्य, नाटक, गायन, भक्ति गीत-संगीत जैसी अनेक प्रस्तुति मंचित की गई। 
 
 
कुनबी समाज की वर्षा राउत ने गणेश वंदना प्रस्तुत की। बंगाली समाज ने मां दुर्गा की आरती से भक्तिमय माहौल बनाया। बिलासपुर के मराठी समाज की महिलाओं ने श्रीशक्ति पर आधारित प्रभावशाली नाटक प्रस्तुत किया। कोरबा महाराष्ट्र मंडल ने हनुमान जी पर आधारित भक्ति गीत से सभी को प्रभावित किया।
 
 
तेलुगू समाज के बच्चे यू. भूमिका, पी. श्रेया, बी. मेघना ने तेलुगू भाषा में ही अपनी संस्कृति का परिचय दिया। सिंधी समाज की ओर से हीर नारा, गूंजन सोनी, कनक सोनी ने नये साल की खुशियों को मंच पर साकार किया। राजस्थानी गोंड समाज की महिलाओं ने बेहतरीन मटका नृत्य प्रस्तुत किया। 
 
 
महाराष्ट्रीयन तेली समाज की अनिता कुंबलकर, माला तलमले, सरिता निर्वाण, सुषमा चोपकर, मुक्ता चोपकर, हर्षा हटवार, नेहा उड़कुड़कर, कीर्ति हटवार और भारती गिरपुंजे ने सुंदर नाव की यात्रा कर देवी दर्शन कराया और पारंपरिक गोधळ प्रस्तुत किया।
 
 
सर्व ब्राह्मण समाज का एकलव्य, महाराष्ट्रीय स्वर्णकार समाज ‘खूप सुंदर नक्की’ नाटक से समाज में महत्वपूर्ण संदेश देने की कोशिश की। मराठी माली समाज की महिलाओं ने आकर्षक लावणी प्रस्तुत कर दर्शकों  को थिरकने पर मजबूर कर दिया। गुजराती समाज के कलाकारों ने सुमधुर गीत प्रस्तुत किया। 
 
 
गोंड ब्राह्मण समाज की सरोज शर्मा ने एकल नृत्य से मोहित किया। मराठा समाज की मंडल जाधव ने जिजोरी माई से संबंधित गीत पर ऐसी स्वर लहरी छेड़ी कि बहुत देर तक वंस मोर की आवाज हाल में गूंजती रही। आखिरकार उन्हें एक और गीत गाकर दर्शकों की मांग पूरी करनी पड़ी। 
 
 
महुआ मजूमदार के नेतृत्व में कोबिता हालदार, श्रेया हालदार, नंदिनी, श्वेता लीला, निवेदिता, सीमा बोस, संजीता बाउली, पूर्णिमा भट्टाचार्य, अनुष्का भट्टाचार्य, शीला सरदार, मिशिका सरदार, शीलू पटनायक ने धुनुची नृत्य प्रस्तुत किया। 
 
 
कार्यक्रम में श्री सत्य साईं समिति की ओर से बच्चों की प्रस्तुति ने सभी का मन मोहा। इस दौरान नंदिनी, वर्तिका, रिद्धिमा, आहना, समर्थ, विनायक, संयुक्ता, मणिकर्णिका, जसलीन, दिव्यांका, शुभ्रांशु, कनक और अनंत ने सुमधुर गीतों की प्रस्तुति दी। इनका तबले पर अभिनव, गिटार पर तनिष्क ओजल, कनक, संदर्भ,  मानसी व अनन्या, आर्गन पर यश, बासुंरी पर अर्चित, ढोलक पर समर्थ, वायलिन पर कर्णिका, हारमोनियम पर विनय बोपचे ने दिया। सबसे आकर्षक बात यह रही कि एक तीन साल के मासूम ने तबले पर संगत देकर पूरे सभागृह का ध्यान अपनी ओर खींचा।