दिव्य महाराष्ट्र मंडल

महाराष्ट्र मंडल के दिव्यांग बालिका विकास गृह में प्रवेश प्रारंभ... नि:शुल्क आवास, भोजन सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध

रायपुर। महाराष्ट्र मंडल के समता काॅलोनी स्थित दिव्यांग बालिका विकास गृह में पांच से 14 वर्ष तक की निर्धन दिव्यांग बालिकाओं का प्रवेश आरंभ हो गया है। 

अध्यक्ष अजय मधुकर काले ने बताया कि महाराष्ट्र मंडल साल 1982 से दिव्यांग बालिकाओं के आवास, भोजन, शिक्षण, चिकित्सा की निःशुल्क व्यवस्था कर रहा है। राज्य शासन के समाज कल्याण विभाग की ओर से अनुशंसित इस संस्था को छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने वर्ष 2014 में सर्वश्रेष्ठ संस्था का पुरस्कार भी दिया था। अब तक यहां रहकर 169 से ज्यादा बालिकाएं स्वनिर्भर होकर अपना भविष्य निखार चुकीं हैं। 

उन्होंने आगे बताया कि कुछ बालिकाएं शिक्षण के बाद शासकीय, अशासकीय संस्थाओं में सेवाएं दे रही हैं। कुछ ने स्वरोजगार स्थापित किया और कई विवाह के पश्चात अपने घर में सुखमय जीवन यापन कर रही है। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र मंडल ने दिव्यांग बालिका गृह की चार स्वावलंबी युवतियों की शादी करवाकर उन्हें विदा किया। मंडल ने आज 22 जून को भी अपने दिव्यांग बालिका गृह में सात सालों से निवासरत पुनिता मानिकपुरी की हरियाणा के युवक से शादी कर विदा किया।
 

काले ने बताया कि संस्था में बालिकाओं का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए समय –समय पर गायन, नृत्य, पाक कला, कंप्यूटर प्रशिक्षण, सिलाई-कढ़ाई सिखाया जा रहा है।  साथ ही सभी दिव्यांग बच्चियों को सामान्य बच्चियों और महिलाओं से करीब रखा जाता है। काले ने सभी सामाजिक संस्थाओं सहित आमजन से अनुरोध किया कि यदि ऐसी दिव्यांग बालिकाओं की जानकारी महाराष्ट्र मंडल को उपलब्ध कराएं, ताकि उनके जीवन को संवारने के लिए अपेक्षित पहल की जा सके।