नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना को जानें, ये हैं उनके उल्लेखनीय फैसले
डेस्क। जस्टिस संजीव खन्ना 11 नवंबर को अगले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने जा रहे हैं। वे भारतीय न्यायिक व्यवस्था का एक जाना-माना चेहरा हैं। अपने लंबे करियर में उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए हैं जो देश की न्यायपालिका में एक मील का पत्थर साबित हुए। 14 मई 1960 को जन्मे जस्टिस खन्ना ने 1983 में अपने करियर की शुरुआत दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में की। बाद में उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं और जनवरी 2019 से सर्वोच्च न्यायालय में जज रहे हैं। अब वे भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश बने हैं, जो कि एक ऐतिहासिक क्षण है।
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को नई दिल्ली में हुआ था। उनके पिता का नाम न्यायमूर्ति देव राज खन्ना है। वे दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे हैं और 1985 में सेवानिवृत्त हुए थे। माता का नाम सरोज खन्ना है। वे दिल्ली के लेडी श्री राम कॉलेज में हिंदी व्याख्याता थीं।
जस्टिस संजीव खन्ना ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के प्रतिष्ठित मॉडर्न स्कूल से 1977 में पूरी की. इस स्कूल में पढ़ाई ने उन्हें मजबूत बौद्धिक आधार प्रदान किया और अकादमिक अनुशासन की आदतें विकसित कीं, जो उनके बाद के करियर में सहायक सिद्ध हुईं. मॉडर्न स्कूल में अपने शुरुआती वर्षों के दौरान उन्होंने अनेक शैक्षिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी भाग लिया, जिससे उनकी व्यक्तिगत और शैक्षिक क्षमताओं को बढ़ावा मिला।
स्कूल की पढ़ाई के बाद, जस्टिस खन्ना ने सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से 1980 में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. यहाँ वे उच्च शैक्षिक गुणवत्ता और गहन अध्ययन के लिए जाने जाते थे। सेंट स्टीफन कॉलेज में उनका अनुभव अकादमिक उत्कृष्टता के साथ जुड़ा हुआ था, जिसने उनके कानून के क्षेत्र में जाने के निर्णय को और दृढ़ता प्रदान की।
अपनी स्नातक शिक्षा के बाद, जस्टिस खन्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से एलएल.बी. की डिग्री प्राप्त की. यह केंद्र भारत में कानून की पढ़ाई के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ के पाठ्यक्रम ने उन्हें कानूनी सिद्धांतों की ठोस समझ प्रदान की. इसी दौरान उन्होंने कानून में गहरी रुचि विकसित की और 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण कराया, जिसके बाद उनका करियर तेजी से प्रगति की ओर अग्रसर हुआ।