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वर्तमान पीढ़ी को पर्यावरण-संरक्षण के लिए चेतना होगा: मुख्यमंत्री

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भौतिक प्रगति की अंधी चाह से बढ़े संसाधनों के शोषण ने प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ दिया है। इससे जलवायु परिवर्तन और क्लाइमेट चेंज के दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। वर्ष 2050 तक धरती की सतह का तापमान 2 सेंटीग्रेड बढ़ने की संभावना है। इससे जीवन कठिनतम हो जाएगा। खेती में अत्यधिक रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के उपयोग का परिणाम कैंसर फैलने के रूप में सामने आ रहा है। भारत की माता-बहनें हजारों सालों से प्रकृति के प्रति संवेदनशील रही हैं, पेड़-पर्वतों की पूजा में उनका प्रकृति के प्रति आदर भाव अभिव्यक्त होता था। वर्तमान पीढ़ी को भी पर्यावरण-संरक्षण के लिए चेतना होगा, यदि हमने इस दिशा में सार्थक प्रयास नहीं किए तो आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती को हम रहने लायक नहीं छोड़ पाएंगे।

मुख्यमंत्री चौहान ने तुलसी के पौधे पर जल अर्पित किया और कन्या-पूजन एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने राज्य जलवायु परिवर्तन कार्य-योजना तथा प्रदेश के सात स्मार्ट शहर भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, सतना और सागर के क्लाइमेट एक्शन प्लान पुस्तिकाओं का विमोचन किया। साथ ही प्रदेश की तीन नवीन रामसर साइट्स सिरपुर वेटलेंड इंदौर, यशवंत सागर इंदौर और सांख्य सागर शिवपुरी के प्रमाण-पत्र भी संबंधित पदाधिकारियों को प्रदान किए।  

मुख्यमंत्री ने आत्म-निर्भर गो-शाला विषय पर वेस्ट-टू-वेल्थ हेकाथॉन के दो सर्वश्रेष्ठ सुझावों के पुरस्कार सर्वश्री अनिल तोमर तथा डॉ. योगेंद्र कुमार सक्सेना को प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने मिशल लाईफ की थीम पर वन विभाग द्वारा एक लाख से अधिक कार्यक्रम करने के लिए वन बल प्रमुख रमेश गुप्ता को सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि विभिन्न विभागों द्वारा एक लाख 75 हजार कार्यक्रम मिशन लाइफ की थीम पर अब तक किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लाइफ वॉलेन्टियर्स के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके भोपाल, विदिशा, रायसेन और सीहोर जिले के परिचय-पत्र और प्रशिक्षण पुस्तिका भेंट की। ये युवा पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए कार्य करेंगे।  

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