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आर्थिक विकास पर्यटन उद्योग से बंधा हुआ है : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

पर्यटन हम सभी को जोड़ता है और संस्कृतियों और राष्ट्रों के बीच की खाई को पाटता है: केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत
पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी का शुभारंभ - 50 पर्यटन स्थलों में एक राष्ट्रीय जिम्मेदार पर्यटन पहल
8 अग्रणी आतिथ्य समूहों और 21 केन्द्रीय होटल प्रबंधन संस्थानों के बीच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर
सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव प्रतियोगिता 2024 के विजेताओं की घोषणा
पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने के लिए राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए पुस्तिका का शुभारंभ
अतुल्य भारत कंटेंट हब और डिजिटल पोर्टल का शुभारंभ
पर्यटन मंत्रालय के "चलो इंडिया" अभियान के अंतर्गत आने वाले विदेशियों को 1,00,000 निःशुल्क वीज़ा की घोषणा
नई दिल्ली | उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 27 सितम्बर 2024 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित विश्व पर्यटन दिवस समारोह में भाग लिया। इस वर्ष के विश्व पर्यटन दिवस का विषय ‘पर्यटन और शांति’ है।
इस कार्यक्रम में केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू, केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, पर्यटन, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी और पर्यटन मंत्रालय की सचिव वी. विद्यावती की भी गरिमामयी उपस्थिति रही। इसके अलावा, भारत में विभिन्न विदेशी मिशनों के राजदूत, भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश सरकारों के अधिकारी, यात्रा व्यापार, इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पर्यटन में आतिथ्य और सेवा उत्कृष्टता के उच्चतम मानकों को प्राप्त करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले दशक में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी करने, कनेक्टिविटी के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढाँचा, राजमार्ग, एक्सप्रेसवे जो दुनिया के बराबर सर्वश्रेष्ठ हैं, उनका पर्यटन पर किस तरह पर्यटन पर किस तरह परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा। धनखड़ ने इस बात पर जोर दिया कि आर्थिक विकास पर्यटन उद्योग, पर्यटन से बंधा हुआ है। उन्होंने वैश्विक आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सामुदायिक विकास के साधन के रूप में पर्यटन के गहन प्रभाव पर भी बात की और सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गाँव प्रतियोगिता 2024 के विजेताओं को बधाई दी।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है जो हम सभी को जोड़ता है तथा संस्कृतियों और राष्ट्रों के बीच की खाई को पाटता है। मंत्री ने, पर्यटन पर प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण के सकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डाला। श्री शेखावत ने कहा कि लगभग 1,50,000 किलोमीटर सड़क नेटवर्क बिछाए जाने ~500, नए हवाई मार्गों और ~150 नए हवाई अड्डों से हवाई संपर्क बढ़ाए जाने, हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत करने, लगभग 100 पर्यटन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के पूरा होने, भारत की जी-20 अध्यक्षता के कारण 60 से अधिक गंतव्यों की, स्वच्छ भारत के कारण विश्व स्तर पर पहचान बनी। बेहतर सुविधा और यूपीआई के माध्यम से डिजिटल संपर्क के कारण पर्यटन ‘संपूर्ण सरकार’ का दृष्टिकोण बनने से नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है।
शेखावत ने घोषणा की कि पर्यटन मंत्रालय द्वारा विकास के लिए पर्यटन स्थलों की एक मास्टरलिस्ट जल्द ही जारी की जाएगी, जिसमें पर्यटन स्थलों की प्राथमिकता सूची को उजागर किया जाएगा, जिन्हें अगले 3 वर्षों में राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के सक्रिय सहयोग से संस्कृति मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, रेल मंत्रालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय तथा बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के साथ मिलकर देश भर में विकसित किया जाएगा। यह भी उल्लेख किया गया कि इस मास्टरलिस्ट को सार्वजनिक किया जाएगा ताकि सरकार के पूरक प्रयासों के अनुसार निजी क्षेत्र के उद्योगपति अपने भविष्य के निवेश की योजना बना सकें।
मंत्री महोदय ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय के ‘चलो इंडिया’ अभियान के माध्यम से वैश्विक भारतीय प्रवासियों को अतुल्य भारत का राजदूत बनने में सक्षम बनाने के लिए यह घोषणा की गई थी कि ‘चलो इंडिया’ अभियान के तहत भारत आने वाले पहले 1,00,000 विदेशियों को भारत सरकार नि:शुल्क वीजा प्रदान करेगी तथा वीजा शुल्क माफ करेगी।
केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू ने इंडिया बाय एयर विषय पर बात की। उन्होंने नागरिक उड्डयन पर दूसरे एशिया प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के दौरान सर्वसम्मति से पारित दिल्ली घोषणा पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि किस तरह पर्यटन विकास हवाई संपर्क पर निर्भर करता है, साथ ही उन्होंने उड़ान (क्षेत्रीय संपर्क योजना), डिजी यात्रा, हवाई अड्डों की संख्या में वृद्धि और अन्य पहलों के माध्यम से नागरिक उड्डयन मंत्रालय के प्रयासों के प्रभाव की जानकारी दी।
अपने स्वागत भाषण में वी. विद्यावती ने पर्यटन के 5पी के बारे में बात की – लोग (पीपल), स्थान (प्लेस), उत्पाद (प्रोडक्ट), ग्रह (प्लेनेट) और प्रोत्साहन (प्रमोशन)। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि किस तरह पर्यटन का महत्व, स्थान से लोगों की ओर और अतुल्य भारत से अतुल्य भारतीयों की ओर चला गया है।

 

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