रायपुर

नगर निगम मुख्यालय के सामने का गार्डन बदहाल

रायपुर| राजधानी रायपुर के नगर निगम कार्यालय के ठीक सामने पंडित विद्याचरण शुक्ल गार्डन है, जिसे निगम गार्डन के नाम से भी जाना जाता है| इस गार्डन के मेंटनेंस के नाम पर व्यवसायीकरण कर इसे ठेका में दिया गया| गार्डन के अंदर नुक्कड़ चौपाटी खोला गया. कई सालों से ठेकेदार और निगम इस गार्डन से लाखों करोड़ों कमा रहे हैं| ऐसे में ये गार्डन प्रदेश के लिए वैल मेंटेन उदाहरण होना था, लेकिन इस गार्डन की हालत बद से बदतर हो चुकी है| यह गार्डन अब नशेड़ियों और चोरों का अड्डा बन गया है|

गार्डन में लटकते CCTV कैमरे, गंदगी से भरे शौचालय, इधर-उधर बिखरे कचरे का ढेर और कागजों में दर्ज माली व सुरक्षाकर्मियों की गैरमौजूदगी इस गार्डन की हकीकत बयां करती है|  जिसके बाद महापौर मीनल चौबे ने गार्डन का दौरा किया और ठेकेदारों को चेतावनी देते हुए व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए थे, लेकिन सुधार कुछ नहीं हुआ बल्कि गार्डन की स्थिति पहले से भी ज्यादा बदतर हो गई है| 

नेता प्रतिपक्ष संदीप साहू ने महापौर पर निशाना साधते हुए कहा, जब मीनल चौबे नेता प्रतिपक्ष थीं तब गार्डनों का व्यवसायीकरण गलत था| आवाज उठाती रही है, अब महापौर बनने के बाद वही गलत सही कैसे हो गया? उन्होंने सवाल उठाया कि गार्डन के मेंटेनेंस के नाम पर ठेकेदार हर महीने 4-5 लाख रुपए कमा रहे हैं| दुकानदारों से किराया वसूला जा रहा है, लेकिन न तो मेंटेनेंस दिखता है और न ही सुरक्षा. दुकानों में सेंधमारी, सामान चोरी और रात होते ही गार्डन अंधेरे में डूब जाता है, जहां नशेड़ियों का जमावड़ा लगता है|