एनआईटी रायपुर में ‘फ़ाइनाइट् एलिमेंट एनालिसिस’ पर 5 दिवसीय वर्कशॉप का हुआ उद्घाटन
2024-06-18 09:10 PM
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रायपुर। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर में 18 जून को संस्थान के सिविल इंजीनियरिंग विभाग ने आईएसएचआरएई रायपुर सब चैप्टर & आईजीएस रायपुर चैप्टर के सहयोग से ‘फ़ाइनाइट् एलिमेंट एनालिसिस’ पर 5 दिवसीय वर्कशॉप का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर, सिविल इंजीनियरिंग ,आई आई टी रूडकी , डॉ एन के समाधिया रहे। इसके मुख्य संरक्षक संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) एन. वी. रमना राव रहे। अध्यक्षता प्रोफेसर & सिविल इंजीनियरिंग विभाग के हेड डॉ. शिरीष वी. देव ने की और संयोजक प्रो. (डॉ.) जी. डी. रामटेककर रहे। डॉ अल्फिया बानो और डॉ सुकांता दास ने समन्वयक की भूमिका निभाई। इस दौरान प्रोफेसर , सिविल इंजीनियरिंग , डॉ समीर बाजपाई , फैकल्टी मेम्बेर्स ,स्कोलर्स और प्रतिभागी मौजूद रहे।
परिमित तत्व विश्लेषण (फ़ाइनाइट् एलिमेंट एनालिसिस) गणनाओं, मॉडलों और सिमुलेशन का उपयोग करके यह अनुमान लगाने और समझने की प्रक्रिया है कि कोई वस्तु विभिन्न भौतिक स्थितियों में कैसे व्यवहार कर सकती है। इस वर्कशॉप का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को एफईए के प्रिंसिपल्स और उनके अनुप्रयोगों की बेहतर जानकारी देना और थ्योरी और प्रैक्टिस के बीच की दूरी को कम करना है। इसके साथ ही पायथन प्रोग्रामिंग और अबेकस सॉफ्टवेयर की मदद से एफईए एनालिसिस करने व कॉम्प्लेक्स इंजीनियरिंग प्रॉब्लम्स को हल करने योग्य बनाना है। इस वर्कशॉप का उद्देश्य फिजिक्स इनफॉर्मेड न्यूरल नेटवर्क्स (पीआईएनएन) के ज़रिए एआई/एमएल इंटीग्रेशन करना और प्रतिभागियों को एफईए टेक्नोलॉजी में फ्यूचर डेवलपमेंट के लिए तैयार करना है। इस वर्कशॉप के थीम में सिविल & मैकेनिकल इंजीनियरिंग एक्सपर्ट्स से जियोटेक्नीकल एप्लीकेशंस, वाइब्रेशन इश्यूज और कंपोजिट मैटेरियल्स पर जानकारी प्रदान की जाएगी । इन 5 दिनों में वक्ताओं के रूप में विभिन्न एनआईटी और आईआईटी के सिविल एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग के फैकल्टी मौजूद रहेंगे।
उद्घाटन सत्र की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन समारोह के साथ हुई | इसके बाद संस्थान के निदेशक ने फ़ाइनाइट् एलिमेंट एनालिसिस पर चर्चा करते हुए उसके फायदों और नुकसान पर बात की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे एफईए इंजीनियरिंग समाधानों को बेहतर बना सकता है, साथ ही गलत तरीके से लागू होने पर इसके नुकसान भी उठाने पड़ सकते है | डॉ समाधिया ने अपने जीईसी-एनआईटी रायपुर के ग्रेजुएशन के दिनों को याद करते हुए एफईए का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ रामटेककर ने आने वाले 5 दिनों में वर्कशॉप में होने वाली गतिविधियों के बारे में बात करते हुए फ़ाइनाइट् एलिमेंट एनालिसिस के एप्लीकेशंस पर चर्चा की और डेली लाइफ में इसके अनुप्रयोगों को बताया। उन्होंने फ़ाइनाइट् एलिमेंट एनालिसिस के अच्छे प्रयोग से अच्छे इंजीनियरों के बनने की बात कही । उद्घाटन समारोह डॉ अल्फिया बानो के धन्यवाद ज्ञापन के साथ समाप्त हुआ।
इसके साथ ही एसोसिएट साइंटिफिक एडिटर, एल्सवियर इंडिया की डॉ संध्या बिरला द्वारा शोध लेखन पर एक सत्र भी आयोजित किया गया | इसमें उन्होंने प्रभावी शोध लेखन , सही जर्नल चुनने हेतु सुझाव इत्यादि विषयों पर प्रतिभागियों से चर्चा की |आने वाले 5 दिन प्रतिभागियों के ज्ञानार्जन के लिए महत्त्वपूर्ण साबित होंगे जिसमें प्रतिभागियों को ‘फ़ाइनाइट् एलिमेंट एनालिसिस’ पर जानकारी प्राप्त होगी।