बिलासपुर| बिलासपुर से सिर्फ 10 किलोमीटर दूर भरनी गांव में स्थित करिया महादेव मंदिर आस्था, रहस्य और परंपरा का अद्भुत संगम है। करीब 500 साल पुराना यह मंदिर, ना सिर्फ शिवभक्तों की आस्था का केंद्र है, बल्कि नाग-नागिन की रहस्यमयी कथा से जुड़ी मान्यताओं के कारण भी भक्तों में विशेष श्रद्धा का विषय बना हुआ है।
भरनी गांव का करिया महादेव मंदिर एक ऐसा शिवधाम, जिसकी कहानियां सदियों से गांववालों की जुबान पर हैं और भक्ति से जुड़े हज़ारों दिलों में बसे हैं।यहां स्थापित शिवलिंग काले पत्थर का बना है, इसी कारण इसे “करिया महादेव” कहा जाता है। स्थानीय जनश्रुति के अनुसार, यह मंदिर अर्धरात्रि में घने जंगल के बीच स्थापित हुआ था। कहते हैं कि एक बार मंदिर परिसर में नाग-नागिन का जोड़ा प्रकट हुआ था। जब उन्हें मारा गया, तो पास स्थित सरोवर का पानी अचानक लाल हो गया—तब से यह स्थान रहस्यमयी शक्तियों का प्रतीक माना जाता है।
पुजारी पं. उत्तम अवस्थी बताते है हमारे पूर्वजों से लेकर आज तक, तीन पीढ़ियों से हमारा परिवार मंदिर की सेवा कर रहा है। यह शिवलिंग बहुत चमत्कारी है, और सावन में यहां हजारों श्रद्धालु जल चढ़ाने आते हैं। सावन सोमवार, महाशिवरात्रि और तोरण पर्व के मौके पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। भक्त छोटी नर्मदा नदी से जल भरकर पैदल यात्रा कर शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। मंदिर परिसर में एक रहस्यमयी छिद्र भी है, जिसके भीतर पानी रहता है लेकिन कभी उसका जल स्तर ऊपर नहीं आता। यह आज भी भक्तों और पर्यटकों के लिए जिज्ञासा का विषय है।
भरनी गांव का करिया महादेव मंदिर, केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि रहस्य और श्रद्धा का जीवंत प्रमाण है। हर साल सावन और शिवरात्रि पर यह स्थान हजारों श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींच लाता है क्योंकि यहां सिर्फ भगवान शिव का वास नहीं, बल्कि भक्तों की अडिग आस्था की भी गूंज है।