दिव्य महाराष्ट्र मंडल

युवाओं की पसंद को महत्व दें तो जुड़ेगे समाज सेः अजय काले

रायपुर। युवाओं की पसंद को समझकर यदि हम उन्हीं के मुताबिक काम सौंपे तो न केवल वे समाज से जुड़ते हैं बल्कि पढ़ाई व नौकरी की व्यस्तताओं के बीच समाज के लिए समय निकालते है। महाराष्ट्र मंडल ने भी यहीं किया। विभिन्न समितियां बनाई, युवाओं को उनकी रूझान की समितियों में रखा। काम करने का भरपूर समय दिया और आज उनकी सक्रियता व समर्पण का ही परिणाम है कि बृहन्महाराष्ट्र मंडल का यह अधिवेशन सफल हुआ है। महाराष्ट्र मंडळ के अध्यक्ष अजय मधुकर काले ने अधिवेशन के विशेष सत्र में इस आशय के विचार व्यक्त किए। 
 
काले ने कहा कि आपके मोबाइल में भले ही सैंकड़ों नंबर क्यों न हो, मायने यह रखता है कि इनमें से कितने लोगों से आपके संवाद है। जितना अधिक संवाद होगा उतने ही अधिक आप जाने जाएंगे और आपका समाज संख्या बल में और सक्रियता में समृद्ध होगा। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में हमारे पास मोबाइल फोन के नंबर होने के बावजूद हम अपने बीमार परिजन अथवा परिचित के लिए खून की जरूरत होने पर सीधे महाराष्ट्र मंडल या रक्तदाता समूह को काल करते है। जबकि पहला प्रयास हमारे अपनों के बीच होना चाहिए। हम ऐसा इसलिए नहीं कहते क्योंकि अधिकांश लोगों से हमारी बातचीत को लंबा अरसा बीत चुका होता है। 
 
महाराष्ट्र मंडल अध्यक्ष ने कहा कि कभी भी संस्था बड़ी होती है और व्यक्ति छोटा। जब भी कोई व्यक्ति अपने आप को संस्था से बड़ा समझता है तो एक समय ऐसा आता है कि वह बहुत छोटा हो जाता है और संस्था आगे बढ़ जाती है। यही वजह है कि संस्था को सर्वोपरि मानकर उसके विकास के ले आप लोगों से मदद मांग सकते है। किसी ने मना किया तो इसमें बुरा मानने की जरूरत नहीं है। क्योंकि सामने वाले ने संस्था को मना किया है आपको नहीं। अजय काले ने महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष के रुप में अपने लगातार 15 वर्षों के अध्यक्षीय कार्यकाल का अनुभव साझा करते हुए कहा कि संस्था को विकसित और समृद्ध बनाने के लिए विजन का होना जरूरी है। आपकी सोच एप्रोच और लोगों को बराबरी का सम्मान देते हुए साथ जोड़ने की क्षमता से ही संस्था आगे बढ़ सकती है।