दिव्य महाराष्ट्र मंडल

बृहन्महाराष्ट्र मंडल की टीम ने की महाराष्ट्र मंडल रायपुर की प्रशंसा

- तीन दिवसीय अधिवेशन में पहुंचे देश के कई राज्यों से प्रतिनिधि
- आय़ोजन की तैयारी और व्यवस्था को लेकर हुए संतुष्ट
रायपुर। महाराष्ट्र मंडल रायपुर में आयोजित बृहन्महाराष्ट्र मंडल के तीन दिवसीय 73वें राष्ट्रीय अधिवेशन में देश के विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे बृहन्महाराष्ट्र मंडल (बीएमएम) के सदस्यों ने आयोजन को लेकर महाराष्ट्र मंडल रायपुर की भूरि-भूरि प्रशंसा की। बीएमएम के सदस्यों ने आयोजन की तैयारी रहवास, खानपान और यातायात व्यवस्था को लेकर मंडल की प्रशंसा करते हुए कहा कि मंडल की ओर से की गई सभी व्यवस्थाएं सतुष्टि के लायक थी। महाराष्ट्र मंडल के युवा कार्यकर्ताओं की टीम ने सभी चीजों को बहुच अच्छे से मैनेज किया। 

बृहन्महाराष्ट्र मंडल के कार्यवाह नवी दिल्ली दीपक कर्पे ने कहा कि राजधानी रायपुर पहुंचने के लिए कार्यक्रम के अंत तक रायपुर की टीम द्वारा की गई सभी व्यव्सथा अच्छी और व्यवस्थित थी। किसी आगंतुक को कोई परेशानी नहीं हुई। बुरहानपुर से पहुंची माधुरी नंदन कुलकर्णी ने कहा कि मैं रायपुर के लिए निकली तो ट्रेन में मेरा छोटा सा एक्सीडेंट हो गया। रायपुर पहुंचते ही हमें स्टेशन में लेने आए रायपुर मंडल का प्रतिनिधि सुकृत गनोदवाले मुझे अस्पताल लेकर गया। मेरा पूरा ख्याल रखा। कार्यक्रम के अंत तक पूरी व्यवस्था प्रशंसनीय़ है। 

बृहन्महाराष्ट्र मंडल के कार्यवाह उत्तर प्रदेश षडानन पाठक ने कहा कि रायपुर महाराष्ट्र मंडल द्वारा की गई सभी व्यवस्था बहुत अच्छी थी। हमने यहां के लोगों को प्रयागराज महाकुंभ के लिए न्योता दिया है। कुंभ में बृहन्महाराष्ट्र मंडल की ओर से आवास व्यवस्था की गई है। यहां से आने वाले आगंतुकों के लिए हमने वहां रहने-खाने की व्यवस्था की है। 

बृहन्महाराष्ट्र मंडल के सहकोषाध्यक्ष अशोक कापुरे ने कहा कि निःसंदेह रायपुर की टीम ने अधिवेशन को लेकर बेहतर व्यवस्था की थी। 10 जनवरी को बृहन्महाराष्ट्र मंडल की कार्यकारिणी की बैठक से लेकर 12 जनवरी को समापन तक सभी आयोजन और व्यवस्था अच्छी थी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का मराठी समाज के प्रति उदारता और प्रेम भी प्रशंसनीय रहा। मुख्यमंत्री साय अपने उद्बोधन में सीपी बरार के दौर का जिक्र करते हुए कहा की उस दौर में दोनों क्षेत्र की राजधानी नागपुर हुआ करती थी और जनप्रतिनिधि मनोनीत होते थे। उनके दादा स्वर्गीय बुद्धनाथ साय मनोनीत विधायक थे और महाराष्ट्र से सहज जुड़ाव उनकी स्मृतियों में है। उन्होंने अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के संस्थापक बालासाहेब देशपांडे सहित मराठी समाज के मूर्धन्यों का पुण्य स्मरण किया। उनका यह भाव देखकर बिल्कुल भी नहीं लगा कि वे छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री है।