दिव्य महाराष्ट्र मंडल

मुख्यमंत्री साय ने किया ‘झेप’ का विमोचन... पुस्तक में दिखा मराठी और छत्तीसगढ़ी प्रेम

रायपुर। महाराष्ट्र मंडल में आयोजित तीन दिवसीय बृहनमहराष्ट्र मंडल के 73वें राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान बतौर मुख्यअतिथि पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अधिवेशन की स्मारिका झेप का विमोचन किया। झेप का अर्थ सरल शब्दों में ऊंची उड़ान से। स्मारिका के संपादक रामदास यशवंत जोगळेकर ने कहा कि यह स्मारिक बृहन्महाराष्ट्र मंडल और रायपुर महाराष्ट्र मंडल के सामाजिक प्रगति की परिचायक है। इसमें समाज के कवियों और लेखकों के विचारों को स्थान देने के साथ महाराष्ट्र मंडल रायपुर के निरंतर प्रगति को सारगर्भित शब्दों में पिरोया गया है।

90 वर्षीय सामाजिक संस्था महाराष्ट्र मंडल रायपुर के स्वर्णीम इतिहास का उल्लेख करते हुए मंडल अध्यक्ष अजय मधुकर काले यह बताया कि कैसे 1935 में आरएसएस के संस्थापक गुरुवर केशव बलीराम हेगडेवार के कहने पर महाराष्ट्र मंडल ने सभी समाजों के लिए सेवाभावी कार्य शुरू किया। 1935 में बोया गया समाजसेवा रुपी पौधों का बीज और विशाल वटवृक्ष की भांति स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक क्षेत्रों में अपने सेवाएं दे रहा है।

बृहन्महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष मिलिंद महाजन ने अपने अध्यक्षीय मनोगत में लिखा कि इस अधिवेशन के साथ बृहन्महाराष्ट्र मंडळ अपने स्थापना का शताब्दी महोत्सव शुरू करने जा रहा है। 5 अप्रैल 2025 से शताब्दी महोत्सव का शुभारंभ होगा। 100 वर्ष पहले जब बृहन्महाराष्ट्र मंडल की स्थापना हुई तब हमारे मराठी या अन्य मराठी भाषी आंतरिक प्रवासियों का एक समूह के बीच बुनियादी जरूरतों - संपर्क, संचार और सहचर्य के लिए मंडल अस्तित्व में आया। विभिन्न त्योहारों और परंपराओं को मनाते हुए हमारी मराठी संस्कारों को संजोए रखने का बीड़ा उठाय़ा। आज हमारी तीसरी और चौथी पीढ़ी इससे जुड़कर हमारे संस्कारों को संयोए रखने मे जुटी है।