जीवन अपने लिए नहीं, अपनों के लिए : सुनील किरवई
महाराष्ट्र मंडल के विशेष कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ने की अध्यक्ष काले को शासन में शामिल करने की मांग |
महाराष्ट्र मंडल के विशेष कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सुनील किरवई को स्मृति चिन्ह देखकर सम्मानित करते हुए वृहृन्महाराष्ट्र मंडल के छत्तीसगढ़ के कार्यवाह सुबोध टोले व भवन प्रभारी निरंजन पंडित।
रायपुर। हमारा जीवन अपने नहीं बल्कि अपनों के लिए है। अपने लोग, अपना शहर, अपनी प्रकृति, अपने जीव- जंतु... इन्हीं के लिए तो है हमारा जीवन। इस आशय के विचार महाराष्ट्र मंडल के एक विशेष कार्यक्रम में भारतीय मजदूर संघ के संगठन मंत्री (छत्तीसगढ- मध्य प्रदेश) सुनील किरवई ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि वे इस बात से सहमत नहीं कि हमारा जीवन दूसरों के लिए है। दूसरों की सेवा कोई नहीं करता और कोई करेगा भी नहीं।
महाराष्ट्र मंडल के विशेष कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सुनील किरवई संबोधित करते हुए।
किरवई ने कहा कि भारत की आरोग जीवी संस्कृति व सभ्यतता के मान बिंदुओं का रक्षण करते हुए महाराष्ट्र मंडल रायपुर अब अपने 90 वर्ष पूरे करने जा रहा है। इसी महाराष्ट्र मंडल में पिछले 14 वर्षों से अजय काले निर्विरोध अध्यक्ष हैं और महाराष्ट्र मंडल का उत्तरोत्तर विकास कर रहे हैं। यहीं नहीं किशोरावस्था से ही काले युवा संघ चलाते थे। ऐसे उत्साही दूरदृष्टि वाला समाजसेवी हमारे बीच सतत सक्रिय है, तो मुख्यमंत्री साय को उनका उपयोग अपने शासन में भी करना चाहिए। शासन में कई तरह की व्यवस्थाएं होती हैं और उनमें कहीं भी अजय काले का उपयोग किया जा सकता है।
किरवई ने कहा कि महज 16 साल की आयु में संत ज्ञानेश्वर ने ज्ञानेश्वरी लिखकर हमें पसायदान दिया। इसके श्लोक को पढ़ते हुए किरवई ने इसका आशय बताया कि प्राणियों में सद्भाव हो। इसी पसायदान की अगली पंक्तियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने इसका आशय बताया कि विश्व का कल्याण हो। हम एक ऐसी संस्कृति में जीते हैं, जिसमें वसुधैव कुटुंबकम यानी विश्व एक परिवार का ब्रह्रम वाक्य है। इसी ब्रह्रम वाक्य को आत्मसात करते हुए महाराष्ट्र मंडल सभी समाजों को साथ रखते हुए मानव जाति की सेवा कर रहा है। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष अजय मधुकर काले, सचिव चेतन गोविंद दंडवते व बृहन्महाराष्ट्र मंडल के छत्तीसगढ़ कार्यवाह सुबोध टोले ने सुनील किरवई का सूतमाला, शाल, श्रीफल व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।