दिव्य महाराष्ट्र मंडल

एमएमसीएल में दो बार टाई... फिर टॉस से जीत—हार का फैसला... खिलाड़ियों के साथ दर्शकों की भी बढ़ गई थी धड़कन

रायपुर। महाराष्ट्र मंडल क्रिकेट लीग के दूसरे दिन कुल 4 मुकाबले हुए, जिनमें तीन मुकाबले महिला टीमों की थी, तो एक मुकाबला पुरूष टीम का था। महिला क्रिकेट में दूसरा मुकाबला जो रानी अहिल्या बाई और सावित्री बाई फूले टीम के बीच खेला गया, सबसे ज्यादा रोमांचक था। इस मैच में दोनों ही टीमों ने बराबरी का स्कोर खड़ा किया, जिसके बाद सुपर ओवर खेला गया, इसमें भी दोनों ही टीमों ने बराबर रन बना लिए। इस तरह से दोनों ही बार मैच ड्रा हो गया। अंतत: निर्णायक मंडल ने टॉस कराया, जिसमें रानी अहिल्या बाई की टीम को विजेता घोषित किया गया। 

दरअसल पहला मैच रानी अहिल्या बाई टीम और सावित्री बाई टीम के बीच शुरू हुआ। रानी अहिल्या बाई टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 4 विकेट खोकर 31 रन बनाए और सावित्री बाई टीम को 32 रनों का लक्ष्य दिया। जिसके जवाब में सावित्री बाई की टीम ने निर्धारित 6 ओवर में 2 विकेट के नुकसान पर 31 रन ही बनाए। इस तरह से मैच ड्रा हो गया। इसके बाद दोनों टीमों के बीच सुपर ओवर का मुकाबला हुआ, जिसमें दोनों ही टीम ने 9—9 रन बनाए। लगातार दो बार मैच ड्रा होने के बाद टॉस से निर्णय करने का फैसला लिया गया और अहिल्या बाई ने टॉस के जरिए मैच जीत लिया। 

इसके बाद दूसरा मुकाबला रानी अहिल्या बाई और सरोजनी नायडू टीम के बीच खेला गया, जिसमें रानी अहिल्या बाई टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कुल 3 विकेट के नुकसान पर 20 रन ही बनाए। इसके जवाब में सरोजनी नायडू टीम ने बिना विकेट गवाएं इस लक्ष्य को हासिल कर लिया। सरोजनी नायडू टीम की ओर से डॉली ने सर्वाधिक 18 रन जुटाए। 

तीसरा मैच सरोजनी नायडू और रानी दुर्गावती टीम के बीच खेला गया। इस बार भी डॉली ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए नाबाद 24 रनों का योगदान दिया और टीम के लिए 2 विकेट के नुकसान पर 44 रनों का स्कोर खड़ा करने में मदद की। 45 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी रानी दुर्गावती की टीम 1 विकेट के नुकसान पर रही, लेकिन निर्धारित 6 ओवरो में केवल 32 रन ही जुटा पाई। जिसमें सूचिता देशमुख ने सबसे ज्यादा नाबाद 21 रनों का योगदान दिया। इसके साथ ही महिला क्रिकेट में सरोजनी नायडू टीम ने फायनल के लिए अपना स्थान सुनिश्चित कर लिया है। 

वहीं पुरूष वर्ग में सुभाष चंद्र बोस टीम और वीर शिवाजी के बीच शानदार मुकाबला देखने को मिला। सुभाष चंद्र बोस टीम ने निर्धारित 6 ओवर में 50 रनों का स्कोर खड़ा करते हुए वीर शिवाजी की टीम को जीत के लिए 51 रनों का लक्ष्य दिया। इसमें स्वर्णिम दलाल ने शानदार बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए 22 रनों का योगदान दिया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी ​वीर शिवाजी की टीम से सुकृत गनोदवाले ने 16 रन तो नवीन देशमुख ने 12 रन बनाए, पर 2 विकेट के नुकसान पर वीर शिवाजी की टीम 6 ओवर में केवल 43 रन ही जुटा पाई।