दिव्य महाराष्ट्र मंडल

बच्चों के लिए योग शिविर... जानिए कौन से हैं वो आसन... जिनके नियमित अभ्यास से बच्चों का भविष्य होगा उज्जवल

रायपुर। समता कॉलोनी स्थित महाराष्ट्र मंडल के दिव्यांग बालिका विकास गृह में बुधवार से बच्चों का योग शिविर प्रारंभ हो गया है। पहले दिन ही काफी संख्या में आठ से 18 वर्ष आयु के बच्चों ने योग शिविर में हिस्सा लिया। चौंकाने वाली बात यह रही कि बच्चों के लिए शुरू किए गए इस योग शिविर में मंडल के उपाध्यक्ष श्याम सुंदर खंगन सहित अनेक व्यस्कों ने भी हिस्सा लिया। 

महाराष्ट्र मंडल की योग गुरु आस्था काले ने बच्चों के साथ व्यस्कों और बुजुर्गों की मौजूदगी को देखते हुए प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि योग के लिए किसी उम्र का बंधन नहीं होता, बल्कि इसे अच्छी शुरुआत के तौर पर देखा जा सकता है। इससे बच्चों का मनोबल बढ़ेगा और उनकी रुचि भी बढ़ेगी। शिविर में शामिल होने के लिए बच्चों का पंजीयन कराने चौबे काॅलोनी महाराष्ट्र मंडल कार्यालय और उनसे संपर्क किया जा सकता है। 

योग शिविर प्रभारी एवं योग प्रशिक्षण समिति की अध्यक्ष आस्था काले ने बताया कि शिविर के पहले ही दिन ओमकार, गुरुमंत्र, वार्मअप, ताडासन, त्रियक ताडासन, त्रिकोणासन, वृक्षासन, उत्तानपाद आसान, पाद संचालन, सुक्त पवन मुक्तासन, झुलन- लुड़कन आसन, सुक्त उद्राकर्षण सिखाया गया। इसके बाद प्राणायाम, अनुलोम विलोम, कपाल भारती, भ्रामक, भस्त्रिका, ध्यान और आखिर में शांति मंत्र सिखाया और अभ्यास कराया गया। 

आस्था काले के मुताबिक इन आसनों से शरीर का पाचन तंत्र सुदृढ़ होता है। आंतरिक अंगों की मालिश, हाथ- पैर की पेशियों को सुदृढ़ बनाना, शारीरिक लचक और मजबूत मिलती है। इन आसनों से रक्त परिसंचरण तंत्र और तंत्रिका तंत्र क्रियाशील होते हैं। प्राणायाम विषाक्त तत्वों को शरीर से बाहर करता है और इससे खून साफ होता है, फलस्वरूप मस्तिष्क अधिक क्षमता से काम करता है।